नयी दिल्ली 30 मई, वित्त मंत्री अरूण जेटली ने रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता पर जोर देते हुए आज कहा कि केवल खरीदे हुए हथियारों के भरोसे देश की सुरक्षा सुनिश्चित नहीं की जा सकती, रक्षा मंत्री ने रक्षा क्षेत्र के सार्वजनिक उपक्रमों को उल्लेखनीय योगदान के लिए यहां एक कार्यक्रम में पुरस्कार प्रदान करने के बाद कहा कि किसी भी देश की सुरक्षा जरूरतों का आकलन उसके पडोस के परिदृश्य के आधार पर किया जाना चाहिए और भारत के मामले में क्षेत्र में शांति बनाये रखने के लिए पुख्ता रक्षा तैयारी संभवत सबसे बडा बचाव है। श्री जेटली ने कहा ,“ हमारी तैयारी ही सबसे बडा बचाव है जिससे क्षेत्र में शांति सुनिश्चित की जा सकती है। कोई भी देश केवल आयातित हथियारों और उपकरणों के बल पर जंग नहीं जीत सकता इसलिए पूरी क्षमता का फायदा उठाने के लिए देश में ही हथियारों और उपकरणों काे बनाये जाने की जरूरत है। ” उन्होंने कहा कि देश को रक्षा क्षेत्र में आत्म निर्भर बनाने के लिए हाल में मंजूर सामरिक भागीदारी मॉडल मील का पत्थर साबित होगा। सार्वजनिक और निजी क्षेत्र परस्पर प्रतिस्पर्धा की भावना से मिलकर देश की रक्षा जरूरतों को पूरा कर सकते हैं। सरकार ने रक्षा क्षेत्र में घरेलू निजी कंपनियों की भागीदारी बढाने के लिए सामरिक भागीदारी मॉडल को पिछले सप्ताह ही मंजूरी दी थी। इसके तहत देश की निजी कंपनियां विदेशी भागीदारों के साथ मिलकर लडाकू विमान, हेलिकॉप्टर, पनडुब्बी और बख्तरबंद वाहन बना सकेंगी। इससे सरकार की महत्वाकांक्षी योजना मेक इन इंडिया को भी बढावा मिलेगा।
बुधवार, 31 मई 2017
रक्षा क्षेत्र में आयात पर निर्भरता खत्म करना जरूरी: जेटली
Tags
# देश
# व्यापार
Share This
About आर्यावर्त डेस्क
व्यापार
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
Author Details
सम्पादकीय डेस्क --- खबर के लिये ईमेल -- editor@liveaaryaavart.com
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें