नयी दिल्ली, 05 मई, सरकार ने उद्दंड/उपद्रवी यात्रियों को हवाई यात्रा से रोकने संबंधी संशोधनों का प्रारूप आज जारी कर दिया जिसमें ऐसे यात्रियों पर तीन महीने से लेकर आजीवन प्रतिबंध का प्रस्ताव किया गया है। नागरिक उड्डयन मंत्री अशोक गजपति राजू ने आज यह प्रारूप जारी करते हुये कहा “पिछले संसद सत्र के दौरान कुछ ऐसी घटनाएँ हुई थीं जिनके मद्देनजर सिविल एविएशन रिक्वायरमेंट (सीएआर) में बदलाव की जरूरत महसूस की गयी।” यात्रियों के इस तरह के बर्ताव के लिए पहली बार नवंबर 2014 में सीएआर में नियमों का प्रावधान किया गया था जिसमें “गायकवाड़ घटना” के बाद संशोधन किया जा रहा है। नागरिक उड्डयन सचिव राजीव नयन चौबे ने बताया कि यात्रियों को व्यवहार को तीन श्रेणियों में रखा गया है। पहले स्तर के तहत उद्दंड बर्ताव से बाधा डालने वाले व्यवहार होंगे जैसे शारीरिक मुद्राएँ, मौखिक प्रताड़ना आदि। इसके लिए तीन महीने तक नो फ्लाई सूची में नाम शामिल किया जायेगा। दूसरे स्तर में मारपीट, धक्का देना, पकड़ना, अनुचित तरीके से छूना और यौन प्रताड़ना आदि को शामिल किया जाएगा। इसमें छह महीने के प्रतिबंध का प्रस्ताव किया गया है। तीसरे स्तर में जानलेवा बर्ताव काे रखा गया है - जैसे, विमान की ऑपरेटिंग प्रणाली को नुकसान पहुँचाना, गला दबाना, जान से मारने की कोशिश करना या चालक दल के कंपार्टमेंट में जबरन घुसने की कोशिश आदि। इसके लिए दो साल से लेकर आजीवन प्रतिबंध तक का प्रस्ताव किया गया है। प्रारूप पर 30 दिन के भीतर सभी संबद्ध पक्षों से टिप्पणियाँ एवं सुझाव आमंत्रित किये गये हैं जिसके बाद जून के अंत तक अंतिम नियम जारी करने का प्रयास किया जायेगा।
शनिवार, 6 मई 2017
‘नो फ्लाई सूची’ में तीन महीने से लेकर आजीवन प्रतिबंध का प्रस्ताव
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