नयी दिल्ली 04 मई, भगोडे शराब कारोबारी विजय माल्या के खिलाफ जल्द कार्रवाई की मांग के बीच भारत ने आज ब्रिटेन से माल्या को जल्द भारत भेजने को कहा जबकि दोनों देश प्रत्यर्पण संधि पर औपचारिक रूप से हस्ताक्षर करने के करीब पहुंच गये । आधिकारिक सूत्रों ने यहां बताया कि गृह सचिव राजीव महर्षि ने ब्रिटेन के गृह सचिव पैट्सी विल्किंसन के साथ यहां बैठक में माल्या के प्रत्यर्पण की प्रक्रिया को जल्द पूरी करने का आग्रह किया । माल्या पर ब्रिटेन की एक अदालत में मामला चल रहा है और वह अभी जमानत पर है । इस बीच गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी अशोक प्रसाद ने कहा ,‘ हमने प्रत्यर्पण के अनुरोधों की अडचनों को दूर करने पर विचार -विमर्श किया। ’ उन्होंने कहा कि भारत और ब्रिटेन ने आतंकवाद विरोधी तंत्र में सहयाेग करने तथा साइबर अपराध को रोकने में परस्पर सहयोग पर भी जोर दिया । हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि विजय माल्या का मामला अदालत में विचाराधीन है ।
दोनों पक्षों ने ब्रिटेन में कुछ खालिस्तानी आतंकवादी तत्वों की मौजूदगी पर भी चर्चा की । श्री प्रसाद ने बताया कि ब्रिटेन ने इस मामले पर गौर करने का आश्वासन दिया । दोनों देशों ने अवैध आव्रजकों की चुनौतियों को दूर करने तथा ब्रिटेन में तय अवधि से ज्यादा समय तक रह रहे भारतीयों की जांच के बाद उनकी बाधारहित वापसी के मसले पर मिलकर काम करने की प्रतिबद्धता जतायी । बैठक में खुफिया सूचनाओं के आदान-प्रदान की प्रणाली को मजबूत करने पर भी चर्चा हुई। प्रत्यर्पण के लिए दोनों देशों के बीच अभी तक कोई संधि नहीं हुई है। उल्लेखनीय है कि केन्द्र सरकार ने ब्रिटेन से माल्या के प्रत्यर्पण के लिए इस साल फरवरी में औपचारिक अनुरोध किया था। माल्या को स्काटलैंड यार्ड पुलिस ने गिरफ्तार किया था लेकिन वेस्टमिंस्टर की अदालत ने उसकी जमानत मंजूर कर ली थी। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल बागले ने कल कहा था कि प्रत्यर्पण की प्रक्रिया जारी है। ब्रिटेन के कानून के मुताबिक माल्या की जमानत मंजूर कर ली गयी है और इसी माह बाद में अदालत में उसका मामला फिर आएगा। इस बीच, सूत्रों ने बताया कि प्रवर्तन निदेशालय और केन्द्रीय जांच ब्यूरो(सीबीआई) माल्या के मामले में ब्रिटेन की सरकारी एजेंसियों के साथ सबूत को साझा कर सकती हैं।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें