प्रभारी बंदोवस्त पदाधिकारी, संताल परगना प्रमंडल दुमका के रैयत विरोधी कार्यशैली से उत्पन्न गतिरोध व कार्यशैली में अविलम्ब सुधार की मांग को लेकर दिन शुक्रवार को झारखंड राज्य बार कौंसिल के सदस्य गोपेश्वर प्रसाद झा और जिला अधिवक्ता संघ के महासचिव राघवेन्द्र नाथ पांडेय के नेतृत्व में अधिवक्ताओं का एक प्रतिनिधिमंडल राज्य की समाज कल्याण मंत्री व दुमका की विधायक डा.लुईस मरांडी से मिलकर आम रैयतों को त्वरित न्याय प्राप्त हो सके के मद्देनजर परेशानी ने उन्हें अवगत कराया और समस्या से अविलम्ब निजात दिलाने का आग्रह किया। अधिवक्ताओं की समस्याआें के निदान की दिशा में त्वरित पहल करते हुए समाज कल्याण मंत्री डा.मरांडी ने मौके पर ही दूरभाष से संबंधित विभाग के मंत्री अमर बाउरी से बात कर उन्हें दोनों अधिकारियों के कारण लोगों को त्वरित न्याय मिलने में हो रही परेशानी से अवगत कराते हुए उन्हें अधिवक्ताओं को अविलम्ब उत्पन्न समस्या से निजात दिलाने का भरोसा दिया। प्रतिनिधि मंडल ने बातचीत के क्रम में मंत्री को बताया कि पूर्व बंदोस्त पदाधिकारियों द्वारा जारी आदेश की अवहेलना करने और सेटलमेंट नियम के विपरीत और रैयतों को त्वरित व सुलभ न्याय दिलाने के विपरीत दोनां बंदोवस्त पदाधिकारियां द्वारा बंद कमरे में कार्य का भी आरोप लगाया। अधिवक्ताओं ने मंत्री से बंदोवस्त पदाधिकारी द्वारा एसपीटी एक्ट के नियमों के विपरीत कार्य करने एवं पर्चा की अभिप्रमाणित निकालने पर रोक लगाकर संताल परगना के दूर दराज के इलाकों में रहनेवाले रैयतों को परेशान करने की भी शिकायत की। अधिवक्ताओं ने समाज कल्याण मंत्री को एसपीटी एक्ट के प्रावधानों के विपरीत अपीलीय वादों को कैम्पों में सहायक बंदोवस्त पदाधिकारी के पास बंदोवस्त कैम्प में भेज जाने के संबंध में भी जानकारी दी। अधिवक्ताओं ने दोनां बंदोवस्त पदाधिकारियांं को यहां अविलम्ब हटाने की मांग की। मालूम हो कि पूर्व के बंदोवस्त पदाधिकारी द्वारा जारी आदेशों की अवहेलना कर एसपीटी एक्ट के विपरीत आदेश पारित किये जाने के खिलाफ पिछले करीब डेढ़ माह से बंदोवस्त न्यायालय के कार्यों से अपने को अगल रखे हुए हैं और कार्य बहिष्कार आंदोलन चला रहे हैं। इससे बंदोवस्त न्यायालय का कार्य पूरी तरह ठप हो गया है।
शनिवार, 6 मई 2017
दुमका : मंत्री से मिलकर अधिवक्ताओं ने समस्याओं को रखा
Tags
# झारखण्ड
Share This
About आर्यावर्त डेस्क
झारखण्ड
Labels:
झारखण्ड
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
Author Details
सम्पादकीय डेस्क --- खबर के लिये ईमेल -- editor@liveaaryaavart.com
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें