नयी दिल्ली, 28 मई, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विभिन्न मीडिया वर्गों में उनकी तीन साल पुरानी सरकार के कामकाज के बारे में किये गये विश्लेषणों की सराहना करते हुए आज कहा कि ‘‘सकारात्मक आलोचना’’ से लोकतंत्र को मजबूती मिली है। उन्होंने कहा कि कुछ सर्वे और रायशुमारी में उनकी सरकार के काम की सराहना की गयी है और उसे समर्थन दिया गया है जबकि कुछ अन्य ने उसकी कमियों को उजागर किया है। मोदी ने आज अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम मन की बात में कहा, ‘‘पिछले 15 दिन, महीने से, लगातार अखबार हो, टी.वी. चैनल हो, सोशल मीडिया हो, वर्तमान सरकार के तीन वर्ष का लेखा-जोखा चल रहा है। तीन साल पूर्व आपने मुझे प्रधान सेवक का दायित्व दिया था। ढेर सारे सर्वे हुए हैं, ढेर सारी रायशुमारी आयी हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं इस सारी प्रक्रिया को बहुत ही स्वस्थ संकेत के रूप में देखता हूं। हर कसौटी पर इस 3 साल के कार्यकाल को कसा गया है। समाज के हर तबके के लोगों ने उसका विश्लेषण किया है और लोकतंत्र में एक उत्तम प्रक्रिया है और मेरा स्पष्ट मानना है कि लोकतंत्र में सरकारों को जवाबदेह होना चाहिए, जनता-जनार्दन को अपने काम का हिसाब देना चाहिए। मैं उन सब लोगों का धन्यवाद करता हूं , जिन्होंने समय निकाल करके हमारे काम की गहराई से विवेचना की, कहीं सराहना हुई, कहीं समर्थन आया, कहीं कमियां निकाली गई, मैं इन सब बातों का बहुत महत्व समझता हूं । मैं उन लोगों को भी धन्यवाद देता हूं जिन्होंने आलोचनात्मक और महत्वपूर्ण प्रतिक्रिया दी हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘जो त्रुटियां होती हैं, कमियां होती हैं, वो भी जब उजागर होती हैं तो उससे भी सुधार करने का अवसर मिलता है। बात अच्छी हो, कम अच्छी हो, बुरी हो, जो भी हो, उसमें से ही सीखना है और उसी के सहारे आगे बढना है। सकारात्मक आलोचना लोकतंत्र को बल देती है। एक जागरूक राष्ट्र के लिए, एक चैतन्य पूर्ण राष्ट्र के लिए, ये मंथन बहुत ही आवश्यक होता है।’’ मोदी के नेतृत्व में भाजपा 2014 के लोकसभा चुनाव में व्यापक जनसमर्थन के साथ सत्ता में आयी थी। मोदी ने 26 मई को प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी।
रविवार, 28 मई 2017
मोदी ने सरकार के कामकाज के बारे में सर्वेक्षणों की सराहना की
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