नयी दिल्ली 29 मई राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने शिक्षा को बदलाव का जरिया बताते हुए आज कहा कि देश में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने वाले और शिक्षा संस्थानों की जरूरत है। श्री मुखर्जी ने राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह में पंजाब के 15 शिक्षकों को पांचवां मालती ज्ञानपीठ पुरस्कार प्रदान करने के बाद यह विचार व्यक्त किया। इस अवसर पर मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावडेकर, महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी, उत्तराखंड के राज्यपाल के के पॉल, पंजाब की शिक्षा मंत्री अरुणा चौधरी और पंजाब की 96 वर्षीय प्रमुख शिक्षाशास्त्री एवं सामाजिक कार्यकर्ता मालती मोहिन्दर सिंगल उपस्थित थीं। राष्ट्रपति ने कहा कि देश में अभी 757 विश्वविद्यालय हैं लेकिन बड़ी आबादी को देखते हुए अधिक शिक्षा संस्थानों की जरूरत है। उन्होंने कहा कि शिक्षा ही व्यक्ति में मानवीय मूल्यों का विकास कर सकती है। इसके लिए जरूरी है कि शिक्षा का अधिक से अधिक लोगों तक प्रसार किया जाए। श्री मुखर्जी ने कहा कि उसी शिक्षक को अच्छा शिक्षक कहा जाएगा, जो अपने छात्रों में तर्कदृष्टि का विकास करे और उनमें प्रश्न पूछने की आदत डाले। इस अवसर पर श्री जावडेकर ने कहा कि सरकार का लक्ष्य ‘सबको शिक्षा और अच्छी शिक्षा’ है और इसके लिए छात्र, अध्यापक और स्कूलों को जवाबदेह बनाया जायेगा। उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा में शोध और नवाचार को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। पंजाब की शिक्षा मंत्री अरुणा चौधरी ने कहा कि पंजाब सरकार ने सत्ता में आने के दो माह के भीतर शिक्षा के क्षेत्र में कमियों का अध्ययन किया है और वह जल्द ही इस क्षेत्र में व्यापक सुधार किये जाएंगे। उन्होंने कहा कि सीमा क्षेत्रों में विशेष रूप से शिक्षा पर ध्यान दिये जाने की जरूरत है और राज्य सरकार प्राथमिक शिक्षा पर विशेष ध्यान दे रही है।
सोमवार, 29 मई 2017
गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने वाले अधिक शिक्षा संस्थानों की जरूरत- प्रणव
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