नयी दिल्ली 27 मई, सरकार ने आज स्पष्ट किया कि पशुओं का कल्याण सुनिश्चित करने के उद्देश्य से बनाये गये पशु क्रूरता निवारक( पशु बाजारों का नियमन) नियम, 2017 का मुख्य मकसद उन्हें क्रूरता से बचाना है, न कि बूचड़खानों के लिए पशुओं के मौजूदा कारोबार का नियमन करना। वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने यहां जारी विज्ञप्ति में कहा कि ये नियम यह ध्यान में रखकर बनाये गये हैं कि पशु बाजारों में स्वस्थ पशुओं का कृषि कार्यों के लिए व्यापार हो और बूचड़खानों के लिए पशुओं की खरीद किसानों के यहां से की जाए। इससे पशुओं की अवैध बिक्री तथा तस्करी पर रोक लगेगी, जो एक प्रमुख चिंता का विषय है। ये विशेष प्रावधान सिर्फ अधिसूचित पशु बाजारों में लाये जाने और बेचे जाने वाले पशुओं पर लागू होंगे। ये अन्य क्षेत्रों के लिए नहीं हैं। विज्ञप्ति के अनुसार इन नियमों का वास्तविक उद्देश्य ऐसे मवेशी बाजार में पशुओं का कल्याण सुनिश्चित करना है । साथ ही उन्हें रखने , चारा, पानी की उपलब्धता, बीमार पशुओं के लिए बाड़े, चिकित्सा और साफ सफाई की व्यवस्था सुनिश्चित करना भी है। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए दो समितियां गठित की गयी हैं। इनमें से जिला पशु बाजार निगरानी समिति पशु बाजारों का पंजीकरण और पशु बाजार समिति मवेशी बाजारों का स्थानीय स्तर पर प्रबंधन करेगी। मंत्रालय के अनुसार पशु क्रूरता निवारक( पशु बाजारों का नियमन) नियम, 2017 के कुछ प्रावधानों को लेकर आज कुछ ज्ञापन मिले हैं और उनका अध्ययन किया जायेगा। मंत्रालय ने कहा है कि उच्चतम न्यायालय ने उसे पशु क्रूरता निवारक अधिनियम, 1960 की धारा 38 के तहत नियम बनाने को कहा था, जिसके बाद पशु कल्याण बोर्ड ने नियमों का मसौदा बनाया और उन पर आपत्तियां और सुझाव मांगे गये। जो सुझाव और आपत्तियां मिलीं, उनका अध्ययन करने के बाद गत 23 मई को ये नियम अधिसूचित किये गये।
रविवार, 28 मई 2017
नये नियम सिर्फ पशु बाजारों के लिए : सरकार
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