एनपीए अध्यादेश को मिली राष्ट्रपति की मंजूरी - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

शुक्रवार, 5 मई 2017

एनपीए अध्यादेश को मिली राष्ट्रपति की मंजूरी

npa-ordinance-gets-presidents-approval
नयी दिल्ली 05 मई, राष्ट्रपति ने बैकिंग विनियमन (संशोधन) अध्यादेश, 2017 (एनपीए अध्यादेश) को मंजूरी दे दी है जिसमें सरकार को जोखिम वाले ऋण को इसोल्वेंसी रिजॉल्यूशन के तहत निटपाने के लिए बैंकों को निर्देश देने के लिए रिजर्व बैंक (आरबीआई) को अधिकृत करने का अधिकार मिल गया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार रात हुई मंत्रिमंडल की बैठक में इस अध्यादेश को मंजूरी प्रदान कर राष्ट्रपति के पास भेजा गया था। राष्ट्रपति ने कल इसे अनुमोदित कर दिया। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज यहाँ संवाददाताओं को यह जानकारी देते हुये कहा कि इसमें जोखिम में फँसी परिसंपत्ति के निपटाने के संबंध में बैंकों को सलाह देने के लिए किसी अथॉरिटी या समिति से संपर्क करने का सुझाव भी आरबीआई दे सकेगा। रिजर्व बैंक को जोखिम में फंसी परिसंपत्तियों पर बैंकों को निर्देश देने के साथ ही अधिकारी या समिति बनाने का अनुमोदन करने का भी अधिकार मिल गया है। उन्होंने कहा कि इसका जोखिम में फँसे ऋण पर सीधा असर होगा क्योंकि रिजर्व बैंक को कंसोर्टियम या कई बैंकों के लिए गये ऋण के विशेष मामले में हस्तक्षेप करने का अधिकार दिया गया है। इस तरह के एनपीए के मामले का समाधान किया जायेगा। उन्होंने कहा कि जोखिम में फँसी परिसंपत्ति का बोझ कम करने के लिए रिजर्व बैंक और सरकार मिलकर काम कर रही है। श्री जेटली ने कहा कि सरकार से पूँजीकरण चाहने वाले बैंकों के लिए विशेष सहमति पत्र की योजना बनायी गयी है जिस पर उसे सरकार के साथ हस्ताक्षर करना होगा। इसमें अपनी परिसंपत्तियाँ बेचने, घाटे में चल रही शाखाओं को बंद करने और एनपीए घटाने जैसी शर्तें होंगी। 

कोई टिप्पणी नहीं: