बेंगलुर, 31 मई, इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन :ईवीएम: बनाने वाली कंपनी भारत इलेक्ट्रानिक्स लि. :बीईएल: ने आज कहा कि उसकी मशीनंे पूरी तरह सुरक्षित हैं और इनसे किसी तरह से छेड़छाड़ नहीं की जा सकती। कंपनी ने इस बात पर भी जोर दिया है कि इन मशीनांे को भारतीय निर्वाचन आयोग द्वारा निर्धारित विनिर्देश के तहत डिजाइन किया गया है और इसमें गहन सत्यापन की प्रक्रिया को पूरा किया जाता है। बीईएल के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक एम वी गॉवतामा ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमारी ईवीएम स्वतंत्र मशीनंे हैं जो न तो किसी नेटवर्क से जुड़ी हैं और न ही इंटरनेट से, जिससे आप हैक कर सकें। ये एक कैलकुलेटर के समान हैं।’’ उनका यह बयान ऐसे समय आया है जबकि कई राजनीतिक दलों ने आरोप लगाया है कि ईवीएम से छेड़छाड़ हो सकती है। इन मशीनांे की विश्वसनीयता पर सवाल उठने के बाद चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलांे के लिए ईवीएफ हैक करने की चुनौती 3 जून को आयोजन किया है। सिर्फ एनसीपी और माकपा ने इसमें भाग लेने की स्वीकृति दी है। गॉवतामा ने कहा कि बीईएल ईवीएम का निर्यात करना चाहती है। करीब डेढ़ साल पहले कंपनी ने नामीबिया के आम चुनावांे के लिए ईवीएम का निर्यात किया था। वहां सफल चुनाव के बाद कई अफ्रीकी देश बीईएल से ईवीएम लेना चाहते हैं। ईवीएम को लेकर विवाद के बाद चुनाव आयोग ने फैसला किया है कि भविष्य में सभी चुनावांे में वोटर वेरिफिएबल पेपर आडिट ट्रेल :वीवीपीएटी: का इस्तेमाल किया जाएगा। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि वीवीपीएटी के लिए कुल 3,100 करोड़ रपये के बजट का आवंटन किया गया है। बीईएल को सितंबर, 2018 तक 8.5 लाख वीवीपीएटी मशीनांे की आपूर्ति करनी होगी। इतनी ही मशीनांे की आपूर्ति इलेक्ट्रानिक्स कारपोरेशन ऑफ इंडिया करेगी।
गुरुवार, 1 जून 2017
बीईएल की ईवीएम सुरक्षित, छेड़छाड़ नहीं की जा सकती : सीएमडी
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