पटना 16 जून, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में विभिन्न मांग को लेकर हुये किसान आंदोलन के बीच आज बिहार के मुख्मयंत्री नीतीश कुमार ने नई पहल करते हुये राज्य का कृषि रोडमैप (वर्ष 2017-22) तैयार करने के लिए किसानों से सीधी बातचीत की। श्री कुमार ने राजधानी पटना के नवनिर्मित ज्ञान भवन के अशोका कन्वेंशन सेंटर में आयोजित किसान समागम में कृषि रोडमैप तैयार करने के लिए किसानों की ओर से दी गई सुझाव को गंभीरता से सुना और इसके बाद किसानों के साथ जमीन पर बैठकर भोजन भी किया। मुख्यमंत्री ने समागम को संबोधित करते हुये कहा, “राज्य में कृषि और किसान सरकार की प्राथमिकता है और किसानों की आमदनी में वृद्धि करना हमारा लक्ष्य है। हमने नीति निर्धारण किया है कि किसान की आमदनी बढ़ायी जाये। इस प्रकार के समागम के आयोजन से काफी लाभ होता है। कृषि समागम में किसानों ने कई अच्छे सुझाव दिये हैं जिनपर निश्चित तौर पर गौर किया जायेगा।”
श्री कुमार ने कहा कि राज्य के 76 प्रतिशत लोग खेती पर निर्भर हैं। कृषि प्रधान राज्य होने के बावजूद बिहार की स्थिति खराब है। उन्होंने कहा कि सभी क्षेत्रों के साथ ही कृषि से संबंधित क्षेत्रों का भी विकास होना चाहिए। किसानों की आमदनी में वृद्धि करना सरकार का लक्ष्य है। मुख्यमंत्री ने शराबबंदी की चर्चा करते हुए कहा कि शराबबंदी से समाज में व्यापक बदलाव आया है। शराबबंदी से एक तरफ जहां अपराध एवं सड़क दुर्घटनाओं में कमी आई है। वहीं, दूसरी ओर उपभोक्ता वस्तुओं जैसे दूध, फर्नीचर, मिठाई, कपड़ों की बिक्री में वृद्धि हुई है। पहले जो लोग शराब में अपना पैसा गंवाते थे, शराबबंदी के बाद उनका पैसा बच रहा है और लोग इन पैसों का उपयोग अपने जीवन की बेहतरी के लिए कर रहे हैं। श्री कुमार ने कहा, “प्रदेश में शराबबंदी से पूर्व लोग शराब पीकर आते थे और झगड़ा-झंझट करते थे। लेकिन, शराब की बिक्री बंद होने के बाद घर का माहौल बेहतर हो गया है। राज्य अब शराबबंदी से नशामुक्ति की ओर बढ़ रहा है। हमें नशामुक्त समाज बनाना है। यदि समाज नशामुक्त होगा तो बिहार को आगे बढ़ने से कोई रोक नहीं सकता।” उल्लेखनीय है कि मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में विभिन्न मांगों को लेकर किसानों ने आंदोलन के बीच मुख्यमंत्री श्री कुमार ने कहा था कि किसानों के कल्याण के लिए केंद्र सरकार को और भी बेहतर व्यवस्था करने की जरूरत है।
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