दिल्ली (किशोर कुमार) अगले 1 जुलाई से सारे भारत वर्ष में सरकार का नया अधिनियम यानि की जी.एस.टी.(गुड्डस सर्विस टैक्स) में कुछ नया प्राविधान किया गया है.। जिसके मुताबिक हरेक पंजीकृत करदाता दुकानदार को अपनी आँफीस,दुकान, माँल, गोदाम, फैक्ट्री, कार्यालय में लगाये गये नाम के पर अपना रजिस्ट्रेंशन न. मतलब कि जी.एस.टी.आई.एन.नम्बर भी लिखना आवश्यक हो जायेगा.। विशेषज्ञों के माने तो जिस -जिस जगह से पंजिकृत करदाता व्यापार करता है उन सभी जगहों, फर्म, कंपनी के नाम के आगे जीएसटीआईएन न. भी लिखना आवश्यक हो गया है.। इस नियम को लागू होते ही तमाम उन लगे नाम के बोर्डों को तुरंत ही बदलना आवश्यक होगा.। अभी तक किसी भी अप्रत्यक्ष कर कानून में बोर्ड पर रजिस्ट्रेशन नम्बर लिखना जरुरी नही था.। लेकिन जीएसटी कानून में अब यह प्राविधान कर दिया गया है.। यही नही सभी व्यापारिक करदाता को आपने आँफिस, दुकान, माँल और कंपनी, कार्यालय ,गोदाम सभी जगहों पर जीएसटी का रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट न. डिस्पले करके मुख्य प्रवेश जगह पर ही रखना होगा.। जिससे उन सभी पंजिकृत एवं अपंजिकृत व्यापारियों का पहचान कर पाना आसान हो जायेगा.। विशेषज्ञों के मुताबिक इससे कर वुसुली करने वाले अधिकारियों को काफी आसानी हो जायेगी, वही उन व्यापारियों को भी लाभ मिलेगा कि वह सामान पंजिकृत या अपंजिकृत व्यापारी से खरीद रहे है.। क्योंकि इसप्रकार से खरीदे गये माल से जहाँ इनपुट टैक्स क्रेडिट मिल जायेगी ,परंतु अपंजिकृत व्यापारी से खरीदे गये माल पर रिर्वस चार्ज म़े पुनः टैक्स जमा करना पड़ सकता है.। इसमें रेटिंग प्रक्रिया का भी प्रावधान है जिससे करदाता और कर न चुकाने वाले व्यापारियों की पूरी पहचान भी सामने आयेगी.। जिसमें करदाता को कुछ सहुलियत भी मिल सकता है परन्तु जिन्होनें इस कानून का उलंघन किया उन्हें सबक भी सिखाया जा सकता है.।
शनिवार, 17 जून 2017
GST लागू होते ही बदलना होगा दुकान के बाहर लगा बोर्ड
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