मुंबई 18 जून, अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में बढ़ोतरी के दबाव में घरेलू शेयर बाजारों में पिछले सप्ताह गिरावट रही। आने वाले सप्ताह में वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) के देश भर में लागू होने से पहले निवेशक सतर्क रुख अपना सकते हैं। गत सप्ताह बीएसई का सेंसेक्स 0.65 प्रतिशत यानी 205.66 अंक लुढ़ककर सप्ताहांत पर 31,056.40 अंक पर आ गया। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का मुख्य सूचकांक निफ्टी भी 80.20 अंक की गिरावट के साथ 9,588.05 अंक पर रहा। मझौली कंपनियों पर भी दबाव रहा। बीएसई का मिडकैप 0.45 प्रतिशत की साप्ताहिक गिरावट में रहा। हालाँकि, छोटी कंपनियों में निवेशकों का विश्वास बना रहा और बीएसई का स्मॉलकैप 0.75 प्रतिशत की साप्ताहिक तेजी के साथ बंद हुआ। अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने गत बुधवार को समाप्त अपनी बैठक में मानक ऋण दरें 0.25 प्रतिशत बढ़ाकर एक से 1.25 प्रतिशत कर दिया। इससे भारत के साथ अन्य देशों के शेयर बाजार भी लुढ़क गये। अगले सप्ताह निवेशक जीएसटी के मद्देनजर सतर्कता बरत सकते हैं। अप्रत्यक्ष कर की नयी व्यवस्था 01 जुलाई से लागू होनी है। जीएसटी परिषद् की 18 जून को होने वाली बैठक में इसके सभी छूटे पहलुओं को अंतिम रूप दिये जाने और वस्तुओं एवं सेवाओं के स्लैबों में छिटपुट अंतिम बदलाव की उम्मीद है। बीते सप्ताह के पहले दिन सोमवार कमजोर वैश्विक संकेतों से बाजार ने गिरावट के साथ शुरुआत की। सेंसेक्स 166.36 अंक लुढ़ककर 31,095.70 अंक पर खुला। मंगलवार को यह लगभग स्थिर रहा। सेंसेक्स में 7.79 अंक की तेजी देखी गयी जबकि बुधवार को 52.42 अंक चढ़ा। फेड की दरों की घोषणा के बाद गुरुवार को सेंसेक्स 80.18 अंक लुढ़क गया। सप्ताह के अंतिम दिन इसकी शुरुआत अच्छी रही, लेकिन अंतिम घंटे के कारोबार में बिकवाली का जोर ज्यादा रहने से यह 19.33 अंक गिरकर 31,056.40 अंक पर बंद हुआ।
रविवार, 18 जून 2017
जीएसटी से पहले बाजार में देखी जा सकती है सतर्कता
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