लंदन, 17 जून, लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रही भारतीय टीम आईसीसी चैम्पियंस ट्राफी के फाइनल में कल चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान से खेलेगी तो सरहद के दोनों पार वक्त मानों थम जायेगा और दर्शकों को रोमांचक मुकाबले की सौगात मिलेगी । दोनों देशों के बीच मौजूदा राजनीतिक तनाव ने क््रकिेट की इस जंग को और रोमांचक बना दिया है । द्विपक्षीय क््रकिेट को भारत सरकार से अनुमति नहीं मिलने के कारण दोनों टीमें सिर्फ आईसीसी टूर्नामेंटों में एक दूसरे के खिलाफ खेलती हैं । गत चैम्पियन भारत ने टूर्नामेंट के पहले मैच में पाकिस्तान को करारी शिकस्त दी थी । कप्तान विराट कोहली पहले ही कह चुके हैं कि वही नतीजा फिर हासिल करने के लिये कुछ अतिरिक्त करने की जरूरत नहीं है । उस मैच के बाद हालांकि पाकिस्तान ने अपने प्रदर्शन में जबर्दस्त सुधार किया है । वैसे भी यह मुकाबला सिर्फ क््रकिेट कौशल का नहीं बल्कि दबाव को झेलने का भी होगा और इसमें मानसिक दृढ़ता की अहम भूमिका होगी । चेतन शर्मा की आखिरी गेंद पर जावेद मियांदाद का छक्का बरसों तक भारतीय क््रकिेटरों को कचोटता रहा जब तक कि सचिन तेंदुलकर ने सेंचुरियन में वह यादगार पारी खेलकर उसका बदला चुकता नहीं किया । इस बीच अजय जडेजा, वेंकटेश प्रसाद, ऋषिकेश कानिटकर या जोगिंदर शर्मा ने बड़े मैचों में जीत के सू्त्रधार की भूमिका निभाई। नयी दिल्ली से लेकर इस्लामाबाद तक और कराची से लेकर कोलकाता तक कोई भी क््रकिेट प्रेमी अपनी टीम को यह मैच हारते देखना नहीं चाहेगा । मैदान पर मौजूद 22 क््रकिेटरों के लिये यह क््रकिेट का महज एक मुकाबला है लेकिन लाखों क््रकिेट प्रेमियों के लिये यह उससे बढ़कर है और पूर्व क््रकिेटरों वीरेंद्र सहवाग तथा राशिद लतीफ के बयानों ने आग में घी का काम किया है ।
रविवार, 18 जून 2017
आखिरी मोर्चे पर विराट के वीरों का सामना आत्मविश्वास से ओतप्रोत पाकिस्तान से
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