मधुबनी, 16 जून, अंधराठाढी प्रखंड में श्रीविधि से दो हजार से अधिक किचेन गार्डेन संचालित हो रहे हैं। जीविका समूह से जुड़ी दीदी हरी सब्जी उत्पादन कर आर्थिक स्वावलम्बन की ओर बढ रही है। अंधराठाढी प्रखंड में 1747 जीविका समूह गठित है इनमें 1030 समूहों का बैंक लिंकअप हो गया है। तकरीवन 921 समूहों को परियोजना राशि भी विमुक्त कर दी गयी है। कुल समूहों में से 740 समूहों को अब तक ऋण राशि मुहैया करा दी गयी है। उपरोक्त जानकारी प्रखंड परियोजना प्रबंधक विजय कुमार राय ने दी। उन्होंने बताया कि कुल 102 ग्राम संगठनों में से 71 ग्राम संगठन का भी बैंक लिकअप हो चुका है। पूरे प्रखंड के जिविका समूह तीन संकूलो में बाँट दिये गये हैं। जिविका के कार्यों के सफल संचालन के वास्ते 147 जिविका मित्र 14 बुक कीपर, 01 मुख्य बुक कीपर और छः बैंक मित्र हैं। स्थानीय पंजाब नेशनल बैंक में 101 समूह, स्टेट बैंक अंधराठाढी में 96 समूह, इलाहावाद बैंक ननौर में 88, उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक महरैल में 152, रूद्रपुर में 152, गोनैली में 185, अंधराठाढी में 178 एवं भटसिमर में 97 जिविका समूहों का खाता संचालित हो रहा है। हाल के दिनों में 76 समूहों के बीच कृषि विभाग के सहयोग से बीज उपलब्ध कराया गया है। जिविकोपार्जन विशेषज्ञ विनोद प्रसाद के मुताबिक प्रखंड में किचेन गार्डेन के अलावे मूर्गी पालन भी चल रहा है। अंधराठाढी और मदनेश्वर स्थान में मूर्गी पालन का मदर यूनिट है। 250 परिवारों के बीच मूर्गी पालन हेतु 25 चूजा उपलव्ध कराये गये हैं। प्रखंड जीविका कार्यालय में परियोजना प्रबंधक के अलावे, एक जिविकोपार्जन विशेषज्ञ, क्षेत्रीय समन्वयक, 07 कम्यूनीटी कोऑर्डिनेटर एवं एक लेखापाल कार्यरत है। परियोजना प्रबंधक विजय कुमार राय ने बताया कि प्रत्येक परिवार में जीविकोपार्जन का साधन मुहैया कराना जीविका का मूल उदेश्य है। इसका लक्ष्य है कि समुदाय आधारित यह संस्था अपने बलबूते चलने लगे।
शुक्रवार, 16 जून 2017
मधुबनी : जीविका दीदियों के अथक परिश्रम से कई परिवारों की बदली तकदीर
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