इस्लामाबाद, 15 जून, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ पमानागेट घोटाला मामले की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित दल के समक्ष आज हाजिर हुए । वह पाकिस्तान के पहले प्रधानमंत्री हैं जो पद पर रहते हुए , इस तरह के पैनल के सामने पेश हुए हैं। न्यायिक अकादमी को अस्थाई तौर पर जेआईटी सचिवालय में तब्दील कर दिया गया है और यहां कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच पहुंचे शरीफ तनाव मुक्त नजर आ रहे थे। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक 2500 से अधिक सुरक्षाबल को तैनात किया गया है। शरीफ के साथ उनके बड़े बेटे हुसैन नवाज, पंजाब के मुख्यमंत्री एंव उनके भाई शहबाज शरीफ और दामाद मोहम्मद सफदार मौजूद थे। पूछताछ के लिए इमारत में प्रवेश से पहले शरीफ ने वहां मौजूद पार्टी कार्यकर्ताओं का हाथ हिला कर अभिवादन किया और उनके नारों का जवाब भी दिया। पीएमएल-एन के समर्थक बड़ी संख्या में जेआईटी सचिवालय के आस पास इकट्ठा हुए। उन्होंने पार्टी के झंड़े फहराए और शरीफ के पक्ष में नारे भी लगाए। इससे पहले शरीफ की बेटी मरियम नवाज ने न्यायिक अकादमी रवाना होने के पहले अपने पिता और उनके प्रमुख सहयोगियों की एक तस्वीर पोस्ट करके ट्वीट किया, ेआज के दिन ने इतिहास रच दिया है और बहु प्रतीक्षित और स्वागत योग्य उदाहरण स्थापित किया है ।े डॉन ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा कि प्रधानमंत्री अकेले जांच दल के समक्ष हाजिर होंगे। हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि जेआईटी कितनी देर तक उनसे पूछताछ करेगी। संयुक्त जांच दल :जेआईटी: के प्रमुख वाजिद जिया ने शरीफ को मामले से जुड़े सभी कागजात ले कर आज छह सदस्यीय दल के समक्ष तलब किया । पेशी से पहले प्रधानमंत्री ने सुबह आपने परिजनों और करीबी सहयोगियों से विचार विमर्श किया। शरीफ ने अपने पार्टी कार्यकर्ताओं से उन्हें इस्लामाबाद की न्यायिक अकादमी तक उनके साथ जाने अथवा वहां उनको लेने आने के लिए मना किया था। शरीफ :67: के कजाखस्तान से वापस लौटने के बाद उन्हें समन जारी किया गया। शरीफ शंघाई सहयोग संगठन :एससीओ: शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए कजाखस्तान गए थे। सुप्रीम कोर्ट ने पनामा पेपर मामले में 20 अप्रैल को जेआईटी का गठन किया था और उसे प्रधानमंत्री, उनके बेटे और मामले से जुड़े किसी भी अन्य व्यक्ति से पूछताछ करने का अधिकार दिया था। यह दल धन शोधन मामले की जांच कर रहा है जिसके जरिए लंदन के पॉश पार्क लेन क्षेत्र में चार अपार्टमेंट खरीदे गए थे। हालांकि शरीफ ने इन आरोपों से इनकार किया है। जेआईटी को 60 दिन में अपनी जांच पूरी करनी है।
शुक्रवार, 16 जून 2017
पनामा पेपर जांच पैनल के समक्ष हाजिर हुए शरीफ, तनाव मुक्त दिखे
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