नयी दिल्ली, 09 जुलाई, राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने देश के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में शिक्षा की विषमताओं को पाटने और शिक्षा को गुणवत्ता युक्त बनाने का आह्वान करते हुए आज कहा कि ई शिक्षा इसमें बड़ा योगदान करेगी। श्री मुजर्खी उच्च शिक्षा के क्षेत्र में डिजिटलीकरण के जरिए सैकड़ों पाठ्यक्रमों को डीटीएच चैनल्स, टैबलेट्स और मोबाइलों के जरिए उपलब्ध कराने के लिए ‘स्वंय’ और ‘स्वंय प्रभा’ नाम से शुरु की गई सेवाओं का शुभारंभ करने के अवसर पर बोल रहे थे। उन्हाेंने कहा कि शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार और सबतक इसकी पहुंच बनाना समाज और देश के विकास के लिए बहुत जरुरी है। ई शिक्षा इसमें अहम भूमिका निभा सकती है। उन्हाेंने इस अवसर पर शिक्षक समुदाय से आह्वान किया कि वे ई शिक्षा के जरिए उपलब्ध कराई जाने वाली शिक्षण सामग्री को और बेहतर बनाने के साथ ही इनका इस्तेमाल शिक्षण प्रक्रिया में सुधार के लिए भी करें। उन्होंने इसके साथ शिक्षा के लिए स्थानीय भाषाओं के इस्तेमाल पर भी जोर दिया। उन्होंने उम्मीद जताई कि नयी सेवाएं उन क्षेत्राें तक शिक्षा का प्रसार करेने में मददगार होगीं जहां शिक्षा के लिए पारपंरिक ढांचागत सुविधाएं अभी तक उपलब्ध नही हो सकी हैं। केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावडेकर ने इस अवसर पर कहा कि ‘स्वयं’ और ‘स्वंयप्रभा’ शिक्षा के क्षेत्र में डिजिटल इंडिया की परिकल्पना काे साकार करेगी। उन्हाेंने शिक्षा को मानव सशक्तिकरण का सबसे महत्वपूर्ण माध्यम बताते हुए कहा कि देश और समाज को विकास के रास्ते पर ले जाने वाली यह सबसे बड़ी ‘साफ्ट पावर है। इसका डिजटलीकरण इसे पारंपरिक सीमाओं से मुक्त कर सबके लिए सुलभ बनाएगा। सरकार के अनुसार ‘स्वयं’ और ‘स्वयंप्रभा’ सेवाओं का उद्देश्य डिजिटल क्रांति के जरिए देश के दूर दराज इलाकों में भी गुणवत्ता युक्त शिक्षा उपलब्ध कराना है। ‘स्वयं’ के पाठ्यक्रमों को चार विभागों में बांटा गया है। ये हैं विडियो लेक्चर, विशेषतौर पर तैयार की गई पठनीय सामग्री, स्वयं आकलन परीक्षा और आॅनलाइन चर्चा। इनमें इंजीनियरिंग, प्रबंधन,विज्ञान, कला विषय,भाषा और गणित जैसे विषय शामिल हैं। इन पाठ्यक्रमों का प्रसारण ‘ स्वयं प्रभा’ के जरिए किया जाएगा जो कि 32 डीटीएच चैनलों का समूह है। ‘स्वयं’के तहत उपलब्ध कराए गए पाठ्यक्रमों को आईआईटी, जेएनयू, दिल्ली विश्विद्यालय तथा अन्ना विश्विद्यालय जैसे प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थाओं के 1,000 से अधिक शिक्षाविदों ने तैयार किया है। आईटी प्लैटफॉर्म, (मैसिव ओपन आॅनलाइन कोर्सेज) के जरिए उपलब्ध कराए गए इन पाठ्यक्रमों के जरिए कक्षा 10 से स्नातकोत्तर तक की कक्षाओं में पढ़ाए जाने वाले विषयों की पढ़ाई की जा सकेगी। इस प्लैटफॉर्म के जरिए छात्र कभी भी, कहीं भी आॅनलाइन पढ़ सकेंगे। ये सभी पाठ्यक्रम नि:शुल्क उपलब्ध होंगे। इन आॅनलाइन पाठ्यक्रमों को क्वॉलीफाई करने वाले छात्रों को नेशनल एकेडमिक डिपॉजिटरी सर्टिफिकेट से सम्मानित किया जाएगा।
सोमवार, 10 जुलाई 2017
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शिक्षा क्षेत्र में विषमताओं को पाटने और गुणवत्ता तय करने में ई शिक्षा की होगी अहम भूमिका: प्रणव
शिक्षा क्षेत्र में विषमताओं को पाटने और गुणवत्ता तय करने में ई शिक्षा की होगी अहम भूमिका: प्रणव
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