हैम्बर्ग, जर्मनी 08 जुलाई, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एच-1बी वीजा को लेकर व्यक्त की जा रही चिंता के बीच जी-20 देशों की शिखर बैठक में आज सदस्य देशों से एक-दूसरे के यहाँ रोजगार की तलाश में आने वालों लोगों की आवाजाही को प्रोत्साहित करने की अपील की और कहा कि यह इन देशों के हित में होगा। डिजिटलीकरण, महिला सशक्तिकरण और रोजगार विषय पर आधारित अंतिम कार्य सत्र में श्री मोदी ने कहा कि जिस देश से लोग रोजगार के लिए जाते हैं तथा जहाँ जाते हैं, दोनों को इससे फायदा होता है और इसलिए जी-20 देशों को इसे बढ़ावा देने के लिए अतिरिक्त प्रयास करने चाहिये। बैठक में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी मौजूद थे। श्री ट्रंप के सत्ता में आने के बाद अमेरिका ने इस साल वीजा नीतियों में बदलाव किया है जिससे भारतीय कर्मचारियों के लिए अमेरिका में अवसर प्रभावित हो रहे हैं। जी-20 की बैठक से पहले श्री मोदी अमेरिका की यात्रा पर गये थे, लेकिन वहाँ एच-1बी वीजा के मुद्दे को चर्चा नहीं हुई। प्रधानमंत्री ने जी-20 की बैठक में विकास को रोजगार से जोड़ने पर विशेष बल दिया। उन्होंने श्रम बाजार को मजबूत करने और सेवाएँ बेहतर तरीके से प्रदान करने के लिए डिजिटलीकरण को बढ़ावा देने का भी आह्वान किया। उन्होंने कहा कि कौशल विकास एवं कौशलवर्द्धन के लिए मजबूत साझेदारी की जरूरत है। श्री मोदी ने कम लागत वाली विश्वस्तरीय तकनीकों के विकास की भारत की यात्रा का जिक्र किया और राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा नीति के तहत समेकित प्रयास को रेखांकित किया। उन्होंने महिलाओं के रोजगार की वकालत करते हुये कहा कि उन्हें सशक्त बनाये बिना वास्तविक विकास संभव नहीं है। उन्होंने एंटी माइक्रोबियल रेसिस्टेंस के मद्देनजर भारत की नयी स्वास्थ्य नीति की चर्चा की और स्वास्थ्य के लिए योग के महत्व का उल्लेख किया। अफ्रीका और प्रवास विषय पर आयोजित सत्र में प्रधानमंत्री ने जी-20 से अफ्रीका को वित्तीय एवं तकनीकी मदद देने का अपना वादा पूरा करने के लिए कहा। उन्होंने अफ्रीका के साथ भारत की बहुस्तरीय साझेदारी की बात कही और क्षमता विकास और सामाजिक, भौतिक तथा सूचना प्रौद्योगिकी अधोसंरचना के विकास पर जोर दिया।
रविवार, 9 जुलाई 2017
कामगारों की आवाजाही को प्रोत्साहित करें जी-20 देश : मोदी
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