पांच मंत्रियों से इस्तीफा लेने वाले नीतीश अब तेजस्वी से भी लें इस्तीफा: सुशील मोदी - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

शनिवार, 8 जुलाई 2017

पांच मंत्रियों से इस्तीफा लेने वाले नीतीश अब तेजस्वी से भी लें इस्तीफा: सुशील मोदी

nitish-take-tejaswi-resignation-susil-modi
पटना 08 जुलाई, बिहार भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधानमंडल दल के नेता एवं पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने पूर्व में भ्रष्टाचार एवं अन्य मामलों में पांच मंत्रियों से इस्तीफा लिये जाने के कारण इस बार भी कार्रवाई किये जाने का मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर भरोसा जताते हुए आज मांग की कि वह उप मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव के खिलाफ केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के मुकदमा दर्ज किये जाने के बाद उनसे भी इस्तीफा लें ,यह उनके लिए अग्निपरीक्षा की घड़ी है । श्री मोदी ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि श्री कुमार जब वर्ष 2005 में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार में मुख्यमंत्री थे तब उन्होंने अपने शपथ ग्रहण के चार घंटे के अंदर ही राज्य सतर्कता अन्वेषण ब्यूरो के एक पुराने मामले में मंत्री बने श्री जीतन राम मांझी से इस्तीफा ले लिया था । श्री मांझी पर वर्ष 1999 में ब्यूरो में एक मामला चल रहा था । उन्होंने कहा कि राजग के समय चार घंटे के अंदर ही सरकार की छवि देखने को मिली थी । भाजपा नेता ने कहा कि इसी तरह वर्ष 2008 में ब्यूरो के एक अन्य पुराने मामले में तत्कालीन परिवहन मंत्री रामानंद प्रसाद सिंह से भी इस्तीफा लिया गया था । जिस समय श्री सिंह पर ब्यूरो में मामला दर्ज किया गया था उस समय वह विधायक भी नहीं थे । 


श्री मोदी ने कहा कि वर्ष 2011 में तत्कालीन सहकारिता मंत्री रामधार सिंह को पूर्व में दिये गये भड़काऊ भाषण के मामले में न्यायालय से समन मिलने के बाद उनसे इस्तीफा लिया गया था । इसी तरह 18 फरवरी 2010 को उत्पाद एवं मद्य निषेद मंत्री जमशेद असरफ को भी इस्तीफा देना पड़ा था । उन्होंने कहा कि इसके बाद वर्ष 2015 के विधानसभा चुनाव के समय तत्कालीन उत्पाद एवं मद्य निषेद मंत्री अवधेश कुशवाहा का रूपया लेते हुए विडियो फूटेज के बाद उनसे इस्तीफा ले लिया गया था । भाजपा नेता ने कहा कि उप मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव पर सीबीआई ने भ्रष्टाचार के मामले में प्राथमिकी दर्ज की है और उनके सरकारी आवास पर कल छापेमारी भी की गयी । इसके साथ ही उनके 12 से अधिक सम्पत्तियों को आयकर विभाग ने जब्त किया है । उन्होंने कहा कि सीबीआई तथ्य के आधार पर ही प्राथमिकी दर्ज करती है और इसके बाद ही कार्रवाई करती है । श्री मोदी ने सवालिया लहजे में कहा कि श्री मांझी महादलित समुदाय से है इसलिए क्या उन्हें चार घंटे के अंदर ही इस्तीफा देना पड़ा था । उप मुख्यमंत्री के खिलाफ पिछले तीन माह से घोटाले दर घोटाले उजागर हो रहे हैं । उन्होंने कहा कि ऐसे में मुख्यमंत्री श्री कुमार पर उन्हें पूरा भरोसा है कि निश्चित रूप से कार्रवाई करेंगे और यह उनके लिए अग्निपरीक्षा की घड़ी है । 

भाजपा नेता ने कहा कि देश में बिहार की छवि एक बार फिर से खराब हो रही है । उन्होंने कहा कि लोग तरह-तरह का सवाल उठा रहे हैं कि उप मुख्यमंत्री के आवास पर सीबीआई की छापेमारी हुई है और राज्य सरकार चुपचाप बैठी है । उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री कुमार ने भ्रष्टाचार को कभी भी बर्दास्त नहीं किया है और कार्रवाई की है । श्री मोदी ने कहा कि भ्रष्टाचार का आरोप लगने के बाद भी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और कांग्रेस की ओर से बिन्दूवार जवाब नहीं दिया है । सिर्फ बदले की भावना से कार्रवाई की बात कह कर बचते नजर आ रहे हैं । उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 में उप मुख्यमंत्री श्री यादव जब डिलाइट मार्केटिंग के निदेशक बने थे तब उनकी उम्र 23-24 की थी और वह नाबालिग नहीं थे । भाजपा नेता ने सवालिया लहजे में ही कहा कि डिलाइट मार्केटिंग की जमीन पर बिहार के सबसे बड़े मॉल का निर्माण हो रहा था तब श्री यादव बालिग थे या नबालिग । इसी तरह जब राजद नेता रघुनाथ झा और श्रीमती कांति सिंह से गिफ्ट के रूप में जमीन लिया गया उस समय क्या वह नाबालिग थे । भ्रष्टाचार के आरोप का राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव या उनके परिवार के पास कोई जवाब नहीं है । चारा घोटाले के समय भी राजद अध्यक्ष श्री यादव इसी तरह का बेबुनियाद आरोप लगाते रहते थे फिर भी जेल गये और उन्हें मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा देना पड़ा था । 

कोई टिप्पणी नहीं: