रांची 08 जुलाई, राष्ट्रपति चुनाव के लिये 17 विपक्षी दलों की साझा उम्मीदवार एवं पूर्व लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने आज कहा कि यह चुनाव दो व्यक्तियों के बीच की लड़ाई नहीं बल्कि देश में चल रही दो अलग-अलग विचारधाराओं की लड़ाई है। श्रीमती कुमारी ने यहां झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और झारंखड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन के आवास पर संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि वह उस विचारधारा का प्रतिनिधित्व करती हैं जो गरीबों, दलितों, पिछड़ों और अल्पसंख्यकों के अधिकार और उनकी सुरक्षा की बात करता है और सम्प्रदायवाद के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि झारखंड की मिट्टी की खासियत धर्म के आधार पर समाज को नहीं बांटना रहा है। पूर्व लोकसभा अध्यक्ष ने कहा, “ मैंने सभी सांसदों और विधायकों को एक पत्र लिखा है जिसमें उनसे अंतरात्मा की आवाज पर राष्ट्रपति चुनाव में मतदान करने का अनुरोध किया है। इस सिलसिले में झामुमो प्रमुख शिबू सोरेन से भी मिलकर उनका समर्थन मांगा है। इसके अलावा संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) के घटक दलों से बैठक कर उनके विधायकों एवं सांसदों से भी समर्थन मांगा है। सभी सांसदों और विधानसभा सदस्यों ने समर्थन देने का भरोसा दिया है।” इस मौके पर झारखंड विधानसभा में नेता विपक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सेरेन ने कहा कि मीरा कुमार जी को झारखंड के विषय में चिन्ता करने की जरूरत नहीं है। जिस दिन श्रीमती कुमार की उम्मीदवारी की घोषणा हुई थी, उसी दिन पार्टी ने यह तय कर लिया था कि वह पूरी मजबूती से उनके साथ खड़ी होगी । उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी और उसकी विचारधारा को करारा जवाब देने का वक्त आ गया है। संवाददाता सम्मेलन में कांग्रेस राष्ट्रीय महासचिव बी. के. हरि प्रसाद, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुखदेव भगत, पूर्व मंत्री अन्नपूर्णा देवी समेत पार्टी के कई विधायक मौजूद थे।
शनिवार, 8 जुलाई 2017
राष्ट्रपति चुनाव में दो विचारधाराओं की लड़ाई : मीरा कुमार
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