भागलपुर 14 अगस्त, बिहार के भागलपुर में करीब 700 करोड़ रुपये के सरकारी राशि घोटाला मामले में जेल भेजे गए जिलाधिकारी के स्टेनो प्रेम कुमार समेत तीन कर्मचारियों को आज निलंबित कर दिया गया। जिलाधिकारी आदेश तितरमारे ने यहां बताया कि इस मामले में संलिप्त उनके स्टेनो प्रेम कुमार, जिला भू-अर्जन विभाग के नाजिर राकेश झा एवं जिला परिषद के नाजिर राकेश यादव को जेल भेजने की कार्रवाई की रिपोर्ट वरीय पुलिस अधीक्षक से मिलने के बाद तीनों को आज निलंबित कर दिया गया है। श्री तितरमारे ने बताया कि उक्त कर्मचारियों के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। वहीं, फरार चल रहे जिला समाहरणालय के नजारत नाजिर अमरेंद्र कुमार यादव को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।
जिलाधिकारी ने बताया कि इस मामले की जांच कर रही आर्थिक अपराध इकाई की टीम ने आज सुबह जिला कल्याण पदाधिकारी और उनके नाजिर के आवास पर छापेमारी कर उन्हें हिरासत में लिया है। इसकी आधिकारिक सूचना मिलने के बाद इन दोनों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि पटना से आई टीम को जांच के काम में जिला प्रशासन द्वारा पूरा सहयोग किया जा रहा है और इसके लिए एक वरीय उप समाहर्त्ता को नोडल पदाधिकारी बनाया गया है। गौरतलब है कि भागलपुर में सृजन महिला विकास समिति, बैंक और जिला समाहरणालय के कर्मचारियों की मिलीभगत से सरकारी राशि के हुए घोटाले में अभी तक करीब सात सौ करोड़ रुपये के मामले उजागर हो चुके हैं जिसमें गबन की जाने वाली सर्वाधिक राशि जिला भू-अर्जन एवं जिला कल्याण विभाग की है। इस मामले में गिरफ्तार हो चुके लोगों में जिलाधिकारी के स्टोनो प्रेम कुमार मुख्य अभियुक्त है और उनके संरक्षण में ही जिलाधिकारी के फर्जी हस्ताक्षर से सरकारी राशि को सृजन महिला विकास समिति के बैंक खातों में स्थानांतरित किया जाता था। इस घोटाले में नकली बैंक, पासबुक, चेकबुक, अंकेक्षण प्रतिवेदन और जिलाधिकारी के फर्जी आदेश वाले पत्र का खुलकर इस्तेमाल किया गया है।
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