भागलपुर 13 अगस्त, भागलपुर में हुए सरकारी राशि घोटाला मामले की जांच कर रही आर्थिक अपराध इकाई की टीम ने आज जहां एक सेवानिवृत्त बैंक प्रबंधक के घर पर छापेमारी कर उसे गिरफ्तार कर लिया वहीं एक और प्राथमिकी दर्ज होने के बाद घोटाले की राशि बढ़कर करीब 700 करोड़ रुपये हो गई है। वरीय पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार ने यहां बताया कि आर्थिक अपराध इकाई और जिला पुलिस की विशेष जांच दल (एसआईटी) टीम ने संयुक्त रूप से स्थानीय घंटाघर चौक के समीप बैंक आॅफ बड़ौदा के सेवानिवृत्त प्रबंधक ए. के. सिंह के आवास पर छापा मारकर उसे गिरफ्तार कर लिया। इस दौरान कई दस्तावेज भी जब्त किए गए हैं। श्री कुमार ने बताया कि इस मामले में अब तक आठ लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा चुका है और अन्य लोगों से पूछताछ चल रही है। इसके अलावा आज पथ निर्माण विभाग की ओर से एक प्राथमिकी दर्ज कराई गई है और सरकारी राशि गबन मामले में अभी तक कुल आठ प्राथमिकी दर्ज हो चुकी है।
वरीय पुलिस अधीक्षक ने बताया कि इस घोटाले के मुख्य अभियुक्त सृजन महिला विकास समिति से जुड़े कई लोगों की संपत्तियों का पता लगाया जा रहा है। अभी छह लोगों को पूछताछ के लिए नोटिस भेजा गया है। उन्होंने कहा कि यदि निर्धारित अवधि तक वे उपस्थित नहीं होंगे तो उनके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। गौरतलब है कि भागलपुर में सृजन महिला विकास समिति, बैंक और जिला समाहरणालय के कर्मचारियों की मिलीभगत से सरकारी राशि के हुए घोटाले में अभी तक करीब सात सौ करोड़ रुपये के मामले उजागर हो चुके हैं जिसमें गबन की जाने वाली सर्वाधिक राशि जिला भू-अर्जन एवं जिला कल्याण विभाग की है। इस मामले में गिरफ्तार हो चुके लोगों में जिलाधिकारी के स्टोनो प्रेम कुमार मुख्य अभियुक्त है और उनके संरक्षण में ही जिलाधिकारी के फर्जी हस्ताक्षर से सरकारी राशि को सृजन महिला विकास समिति के बैंक खातों में स्थानांतरित किया जाता था। इस घोटाले में नकली बैंक, पासबुक, चेकबुक, अंकेक्षण प्रतिवेदन और जिलाधिकारी के फर्जी आदेश वाले पत्र का खुलकर इस्तेमाल किया गया है।
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