नयी दिल्ली 15 अगस्त, संसद की एक समिति ने मुनाफा कमा रही सार्वजनिक क्षेत्र की हेलिकॉप्टर सेवा कंपनी पवनहंस के विनिवेश पर सवाल उठाते हुये पूछा है कि आखिरकार यह प्रक्रिया शुरू ही क्यों कि गयी जबकि कंपनी लाभ में चल रही है। परिवहन, पर्यटन एवं संस्कृति पर संसद की स्थायी समिति ने अपनी ताजा रिपोर्ट में कहा है “समिति यह नहीं समझ पा रही कि पवनहंस में रणनीतिक विनिवेश शुरू ही क्यों किया गया जबकि यह मुनाफे में चल रहा संगठन है।” पवनहंस लिमिटेड में 51 प्रतिशत हिस्सेदारी सरकार की है और शेष 49 प्रतिशत तेल एवं गैस क्षेत्र की सार्वजनिक कंपनी ओएनजीसी की है। आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने पिछले साल अक्टूबर में कंपनी के विनिवेश की मंजूरी दी थी। इसके तहत सरकार अपनी पूरी हिस्सेदारी का विनिवेश कर रही है। इस दिशा में काफी काम हो चुका है। नागर विमानन मंत्रालय विनिवेश प्रस्ताव को अंतिम रूप दे रहा है और एक-दो सप्ताह में उसे निवेश एवं सार्वजनिक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग के पास भेज दिया जायेगा। संसद की स्थायी समिति ने गत 17 मार्च को संसद में पेश अपनी 244वीं रिपोर्ट में कहा था कि पवनहंस मुनाफा कमा रही कंपनी है। हालाँकि, बेड़े के विस्तार और पुराने हेलिकॉप्टरों के स्थान पर नये हेलिकॉप्टर लाने के लिए उसके मुनाफे की राशि पर्याप्त नहीं होगी। उसने एक बार फिर कंपनी को 600 करोड़ रुपये की एकमुश्त अनुदान राशि देने की सिफारिश करते हुये कहा था है “समिति को विश्वास है कि पवनहंस में किये गये निवेश का उसे उचित रिटर्न मिलेगा। बेड़े के विस्तार के लिए उसे एकमुश्त अनुदान देने पर गंभीरता पूर्वक विचार किया जाना चाहिये।” उसने इसके लिए पवनहंस के बजट में अविलंब प्रावधान करने की सिफारिश की थी।
बुधवार, 16 अगस्त 2017
पवनहंस में विनिवेश शुरू होने पर संसदीय समिति ने सवाल उठाया
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