भागलपुर 15 अगस्त, बिहार के भागलपुर जिले में करोड़ों रुपये की सरकारी राशि घोटाले के मामले में गिरफ्तार दो लोगों को आज जेल भेज दिया गया वहीं को-ऑपरेटिव बैंक में छापेमारी की जा रही है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार ने यहां बताया कि घोटाले के मामले में कल गिरफ्तार किये गये नाजिर महेश मंडल और इंडियन बैंक के क्लर्क का चालक विनोद कुमार को जेल भेज दिया गया है। उन्होंने बताया कि इस मामले में हिरासत में लिये गये जिला कल्याण पदाधिकारी अरुण कुमार से कड़ी पूछताछ की जा रही है। हालांकि उन्होंने पूछताछ के संबंध में विस्तार से बताने से इंकार किया है । श्री कुमार ने बताया कि घोटाले की जांच की जिम्मेवारी संभाल रही आर्थिक अपराध इकाई (इओयू) की टीम भागलपुर को-ऑपरेटिव बैंक की स्थानीय शाखा में छापेमारी कर रही है। अवकाश होने के बावजूद आज शाखा प्रबंधक को बुलाकर जानकारी ली गयी। उन्होंने बताया कि जिला कल्याण पदाधिकारी अरुण कुमार से पूछताछ में मिली जानकारी के आधार पर पटना स्थित उनके कई ठिकानों पर छापेमारी की जा रही है।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने बताया कि इसके अलावा जिला कल्याण पदाधिकारी की पत्नी इंदु गुप्ता की गिरफ्तारी के भी आदेश दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि करोड़ों रुपये के इस घोटाले में अबतक जहां 11 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है वहीं कुल नौ प्राथमिकी भी दर्ज की गयी है। श्री कुमार ने बताया कि इस मामले में छह से अधिक लोगों को उपस्थित होने के लिए नोटिस भेजा गया है जिनमें पूर्व जिला भू-अर्जन पदाधिकारी भी शामिल है। उन्होंने बताया कि इस घोटाले के मुख्य अभियुक्त स्वयंसेवी संस्था सृजन की सचिव प्रिया कुमार और उसके पति अमित कुमार की गिरफ्तारी के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) की टीम को रांची भेजा गया है । हालांकि उन्होंने बताया कि दोनों के नेपाल के रास्ते विदेश अपने रिश्तेदारों के यहां जाने की सूचना मिली है । वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने बताया कि इस मामले में जिला समाहरणालय से जुड़े विभागों के बैंक खातो और कागजातों की जांच से पता चला है कि सरकारी खाते से घोटाले की राशि करीब नौ सौ करोड़ रुपये तक पहुंच गई है। उन्होंने बताया कि इस मामले में कई और लोगों को शीघ्र गिरफ्तार किया जायेगा । गौरतलब है कि भागलपुर में सृजन महिला विकास समिति, बैंक और जिला समाहरणालय के कर्मचारियों की मिलीभगत से सरकारी राशि के हुए घोटाले में अभी तक करीब 900 करोड़ रुपये के मामले उजागर हो चुके हैं जिसमें गबन की जाने वाली सर्वाधिक राशि जिला भू-अर्जन एवं जिला कल्याण विभाग की है।इस मामले में गिरफ्तार हो चुके लोगों में जिलाधिकारी के स्टोनो प्रेम कुमार मुख्य अभियुक्त है और उनके संरक्षण में ही जिलाधिकारी के फर्जी हस्ताक्षर से सरकारी राशि को सृजन महिला विकास समिति के बैंक खातों में स्थानांतरित किया जाता था। इस घोटाले में फर्जी बैंक पासबुक, चेकबुक, अंकेक्षण प्रतिवेदन और जिलाधिकारी के फर्जी आदेश वाले पत्र का इस्तेमाल किया गया है।
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