नयी दिल्ली, 06 सितम्बर, कथित तौर पर अपने पिता के सहकर्मी की हवस का शिकार बनी 13 वर्षीया नाबालिग को 31 सप्ताह के भ्रूण के गर्भपात की अनुमति मिल गयी है, उच्चतम न्यायालय ने मुंबई की रहने वाली बलात्कार पीड़िता को गर्भ में पल रहे 31 सप्ताह के भ्रूण को खत्म करने की आज अनुमति दे दी। मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने बलात्कार पीड़िता के गर्भ की जांच करने वाली मेडिकल टीम की रिपोर्ट को आधार मानते हुए गर्भपात की मंजूरी दी। न्यायमूर्ति मिश्रा ने कहा, “याचिकाकर्ता (पीड़िता) की आयु और उसे होने वाले अभिघात (ट्रॉमा) को ध्यान में रखते हुए हम गर्भपात की इजाजत देते हैं।” नाबालिग के गर्भवती होने की जानकारी तब मिली थी जब उसके माता-पिता अपनी बेटी के शरीर में हो रहे बदलावों और बढ़ते मोटापे के इलाज के लिए एक महिला चिकित्सक के पास गये। जांच के बाद यह पता चला था कि उस लड़की के पेट में भ्रूण पल रहा है। इस जानकारी के बाद पीड़िता के माता-पिता ने गर्भपात की अनुमति के लिए शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया था। पूछताछ के बाद लड़की ने कहा था कि उसके पिता के सहकर्मी ने ही उसके साथ बलात्कार किया था। पुलिस ने उस आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। देश में गर्भपात कानून के तहत कुछ विशेष परिस्थितियों को छोड़कर 20 सप्ताह से अधिक के भ्रूण का गर्भपात कराने की अनुमति नहीं है।
बुधवार, 6 सितंबर 2017
मुंबई की 13-वर्षीया नाबालिग को गर्भपात की अनुमति
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