नयी दिल्ली/बर्कले 12 सितंबर, कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों की कड़ी आलोचना करते हुये कहा है कि नोटबंदी और वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को जल्दबाजी में लागू करने जैसे गैर-जिम्मेदाराना एवं खतरनाक फैसलों से अर्थव्यस्था को भारी नुकसान हुआ है। अमेरिका के कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय में छात्रों और बुद्धिजीवियों को संबोधित करते हुये श्री गाँधी ने नोटबंदी को अपने पैर पर आप कुल्हाड़ी मारने जैसा बताया और कहा कि इससे सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) को करीब दो प्रतिशत का नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि यह फैसला मुख्य आर्थिक सलाहकार और संसद को विश्वास में लिये बगैर लिया गया जिसकी देश को भारी कीमत चुकानी पड़ी है। अमेरिका की दो हफ्ते की यात्रा पर आये श्री गांधी ने कहा कि नोटबंदी से लाखों छोटे व्यापारियों का रोजगार समाप्त हो गया। नकदी में लेनदेन करने वाले किसानों समेत कई लोगों को चोट पहुंची। कृषि क्षेत्र संकट में है और देश भर में किसानों की आत्महत्याओं की घटनाएँ तेजी से बढ़ी हैं। उन्होंने कहा कि देश की ज्ञानवान संस्थाओं की उपेक्षा करके फैसले लेना गैर-जिम्मेदाराना और खतरनाक है । कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा कि हर वर्ष तकरीबन एक करोड़ 20 लाख बेरोजगार युवक रोजगार की तलाश के लिए बाजार में पहुंच रहे हैं जिनमें से करीब 90 प्रतिशत हाई स्कूल या उससे भी कम शिक्षा प्राप्त हैं जबकि सरकार प्रतिदिन मात्र 500 रोजगार के अवसर पैदा कर पा रही है। अर्थव्यवस्था की रफ्तार सुस्त होने से देश में गुस्सा बढ़ रहा है। रोजगार सृजन को सबसे बड़ी चुनौती करार देते हुए कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा कि यदि लाखों बेरोजगार युवकों को काम नहीं दिया गया तो गुस्सा और बढ़ेगा। इससे अब तक जो भी हासिल किया गया है उसके पटरी से उतरने की आशंका है। उन्होंने कहा कि यह भारत के साथ-साथ दुनिया के लिए बडा संकट साबित होगा।
बुधवार, 13 सितंबर 2017
मोदी सरकार की नीतियों से अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान : राहुल
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