प्रिन्सटन (अमेरिका)20, सितम्बर, कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि भारतीय संसद में शुरुआती दौर की तुलना में चर्चा का स्तर काफी गिर गया है और इसमें सुधार की जरूरत है, श्री गांधी ने अमेरिका के प्रिन्सटन विश्वविद्यालय में छात्रों से बातचीत करते हुए आज कहा कि संसद का वर्तमान माहौल देखकर उन्हें लगता है कि इसमें पारदर्शिता तथा विकेंद्रीयकरण आवश्यक हो गया है। उन्होंने कहा “हम संसद में बैठते हैं, विमर्श करते हैं लेकिन कानून नहीं बनाते हैं। कानून बनाने का काम नौकरशाह और मंत्री कर रहे हैं और संसद सिर्फ उस पर मोहर लगा रही है।” उन्होंने कहा कि संसद में 1950 के दौरान विभिन्न मुद्दों पर बहस होती थी और चर्चा का स्तर गंभीर हुआ करता था। “उस समय संसद में “विशिष्ट’’ चर्चा होती थी क्योंकि सांसद कानून बनाते थे। इन दिनों चर्चा का स्तर बहुत कमजोर हो गया है।” कांग्रेस उपाध्यक्ष ने राजनीतिक व्यवस्था में सत्ता के केंद्रीकरण को बड़ी समस्या बताया और कहा कि वर्तमान परिवेश में राज्य का मुख्यमंत्री गांव में सड़क निर्माण के बारे में फैसला ले रहा है जबकि यह काम स्थानीय प्रशासन को करना चाहिए। स्थानीय प्रशासन को गांव की स्थिति और वहां के माहौल की जानकारी होती है लेकिन सत्ता का केंद्रीकरण होने से यह समस्या पैदा हो रही है। कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय में पिछले सप्ताह कांग्रेस अध्यक्ष पद लेने और प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनने के लिए तैयार हाेने की बात करने वाले श्री गांधी ने कहा कि देश का कानून नौकर शाह तैयार करते हैं और इस स्थिति बदलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि वह लोकसभा तथा विधानसभाओं के काम करने के माजूदा तरीके में सुधार लाकर कानून बनाने की प्रक्रिया में बदलाव लाया जाना चाहिए।
गुरुवार, 21 सितंबर 2017
भारतीय संसद में गिरा है चर्चा का स्तर : राहुल गांधी
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