पटना 06 सितंबर, बिहार सरकार ने महात्मा गांधी रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के तहत काम करने वाले श्रमिकों को मजदूरी का ससमय भुगतान करने तथा इस योजना में और पारदर्शिता लाने की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुये आज मजदूरी मिलने में विलंब होने पर उन्हें प्रतिदिन 0.05 प्रतिशत की दर से क्षतिपूर्ति दिये जाने का निर्णय लिया। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की गई। मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग के प्रधान सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा ने बैठक के बाद बताया कि मनरेगा, बिहार- विलंब से मजदूरी देने के लिए क्षतिपूर्ति भुगतान नियमावली 2017 के तहत मस्टर रॉल के बंद होने की तिथि से 15 दिनों के भीतर श्रमिकों को मजूदरी का भुगतान नहीं किये जाने की स्थिति में उन्हें प्रतिदिन 0.05 प्रतिशत की दर से क्षतिपूर्ति दी जाएगी। उन्होंने बताया कि इससे मनरेगा श्रमिकों की मजदूरी का भुगतान समय से हो पाएगा तथा योजना में और अधिक पारदर्शिता आएगी।
श्री मेहरोत्रा ने बताया कि संपूर्ण ग्रामीण रोजगार योजना एवं राष्ट्रीय काम के बदले अनाज योजना के तहत वर्ष 2002 से 2006 के बीच संबंधित जन वितरण प्रणाली विक्रेताओं द्वारा उठाव किये गये खाद्यान्न के शेष भाग की वसूली का दायित्व निर्धारण करने के लिए गठित त्रिसदस्यीय आयोग को पुनर्गठित करने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने बताया कि अब पटना उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश उदय सिन्हा की अध्यक्षता में एक सदस्यीय आयोग के गठन को मंजूरी दी गई है तथा न्यायिक जांच आयोग का कार्यकाल छह माह 18 जुलाई 2017 से बढ़ाकर 17 जनवरी 2018 कर दिया गया है। प्रधान सचिव ने बताया कि नि:शक्त लोगों के विवाह को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से चलाई जा रही मुख्यमंत्री नि:शक्तजन विवाह प्रोत्साहन अनुदान योजना के तहत दी जान वाली राशि 50 हजार रुपये से बढ़ाकर एक लाख रुपये कर दी गई है। उन्होंने बताया कि बिहार राज्य औद्योगिक सुरक्षा बटालियन का गठन एवं उसके संचालन के लिए कुल 2698 पदों के सृजन को स्वीकृति दी गई। श्री मेहरोत्रा ने बताया कि सातवें केंद्रीय वेतन आयोग की अनुशंसा के आलोक में केंद्रीय कर्मियों की तरह ही राज्य कर्मियों के वेतन-भत्तों पर अनुशंसा के लिए गठित राज्य वेतन आयोग का कार्यकाल 30 सितंबर 2017 तक के लिए बढ़ा दिया गया है। उन्होंने बताया कि दरभंगा जिले बहेड़ी को नगर परिषद् घोषित करने का निर्णय लिया गया है।
प्रधान सचिव ने बताया कि राज्य के छह जिलों पूर्णिया, सहरसा, जमुई, शेखपुरा, बक्सर एवं सुपौल में स्वीकृत राजकीय अभियंत्रण महाविद्यालयों के लिए प्रत्येक संस्थान में 65 शैक्षणिक एवं 51 गैर शैक्षणिक यानी कुल 390 शैक्षणिक और 306 गैर शैक्षणिक पदों के सृजन को मंजूरी प्रदान की गई। उन्होंने बताया कि सरकार के निश्चय ‘अवसर बढ़े, आगे पढ़े’ के तहत इन जिलों के अभियंत्रण महाविद्यालय में शैक्षणिक एवं गैर शैक्षणिक पदों की स्वकृति से राज्य में स्नातक स्तर की अभियंत्रण शिक्षा सुदृढ़ होने के साथ ही युवाओं को उत्कृष्ट तकनीकी शिक्षा का अवसर सुलभ हो सकेगा। श्री मेहरोत्रा ने बताया कि केंद्रीय सड़क निधि से वित्त पोषित पथ प्रमंडल किशनगंज के तहत भोटा थाना के आजादनगर-आमबारी-बधुरा-पोठिया सड़क के शून्य से 12.90 किलोमीटर तक चौड़ीकरण, मजबूतीकरण, क्रॉस ड्रेनेज एवं 100 मीटर लंबे पुल निर्माण के लिए 43 करोड़ 33 लाख 94 हजार रुपये तथा बगलवारी-रहमतपारा-अलता-बरबट्टा पथ के एक किलोमीटर से 21 किलोमीटर तक के चौड़ीकरण, मजबूतीकरण एवं क्रॉस ड्रेनेज निर्माण के लिए 49 करोड़ 90 लाख सात हजार रुपये व्यय की मंजूरी दी गई। प्रधान सचिव ने बताया कि षोडश बिहार विधानसभा के सप्तम सत्र एवं बिहार विधान परिषद् के 186वें सत्र के सत्रावसान संलेख को स्वीकृति दी गई। उन्होंने बताया कि बैठक में कुल 30 प्रस्तावों पर निर्णय लिया गया।
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