सोनिया का मोदी से महिला आरक्षण विधेयक पारित कराने का अनुरोध - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

शुक्रवार, 22 सितंबर 2017

सोनिया का मोदी से महिला आरक्षण विधेयक पारित कराने का अनुरोध

sonia-urges-pm-to-get-women-reservation-bill-passed-in-ls
नयी दिल्ली, 21 सितम्बर, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लम्बे समय से अटके महिला आरक्षण विधेयक को लोकसभा में जल्द से जल्द पारित कराने अनुरोध किया है। श्रीमती गांधी ने इस संबंध में प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर कहा है कि संसद तथा विधानसभाओं में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण देने संबंधी विधेयक को राज्य सभा ने 9 मार्च 2010 को पारित कर दिया था लेकिन लोकसभा में यह विधेयक विभिन्न कारणों से पारित नहीं कराया जा सका है। उन्होंने श्री मोदी से अनुरोध किया है कि लोकसभा में भारतीय जनता पार्टी का बहुमत है और इसका लाभ लेते हुए वह विधेयक को पारित कराएं और कांग्रेस इसका समर्थन करेगी। प्रधानमंत्री को 20 सितम्बर को लिखे पत्र में उन्होंने कहा ‘‘मैं यह पत्र लिखकर आपसे अनुरोध करती हूं कि लोकसभा में आपकी पार्टी का बहुमत है इसलिए इस विधेयक को संसद के निचले सदन में पारित कराएं। महिला सशक्तीकरण के लिहाज से महत्वपूर्ण इस विधेयक का कांग्रेस ने हमेशा समर्थन किया है और आगे भी करती रहेगी।” कांग्रेस अध्यक्ष ने अपने पत्र में कहा है कि उनकी पार्टी संसद तथा विधानसभाओं में महिलाओं को आरक्षण देने के लिए प्रतिबद्ध है। महिला आरक्षण की पहल सबसे पहले कांग्रेस ने ही की थी। उन्होंने कहा है कि तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी पंचायतों तथा नगर निकायों में महिलाओं को आरक्षण देने का प्रावधान करते हुए संविधान संशोधन विधेयक लाये थे जिसे 1989 में विपक्षी दलों ने राज्यसभा में रोक दिया था। लेकिन 1993 दोनों सदनों में संबंधित विधेयकों को पारित कर दिया और 73 वां और 74 वां संविधान संशोधन हुआ। 

कोई टिप्पणी नहीं: