रायपुर, 21 सितंबर, छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित सुकमा जिले में अपहृत महिला सरपंच समेत 10 ग्रामीणों को नक्सलियों ने रिहा कर दिया है। सुकमा जिले के पुलिस अधिकारियों ने आज बताया कि जिले के चिंतागुफा ग्राम पंचायत की महिला सरपंच पोड़ियम मूये, उसका बेटा पोड़ियम कोसा, पति के भाई पोड़ियम कोमल और महिला उपसरपंच समेत 10 ग्रामीणों को नक्सलियों ने रिहा कर दिया है। सभी ग्रामीण कल रात सुरक्षित अपने घर पहुंच गए थे। मुये समेत सभी ग्रामीणों को नक्सलियों ने इस महीने की 16 तारीख को उनके गांव चिंतागुफा से अपहरण कर लिया था। सुकमा जिले का चिंतागुफा इलाका धुर नक्सल प्रभावित है तथा नक्सलियों ने इस क्षेत्र में कई घटनाओं को अंजाम दिया है। अधिकारियों ने बताया कि जानकारी मिली है कि नक्सली अपहृत ग्रामीणों को कसालपाड़ा और अन्य दो को गांव ले गए। वहां उन्होंने जनअदालत लगाकर ग्रामीणों को जिला प्रशासन के कार्यों में मदद नहीं करने की चेतावनी दी। नक्सलियों ने सरपंच और अन्य ग्रामीणों से कहा कि वह क्षेत्र में कराए जा रहे विकास के कार्यों से दूर रहें। साथ ही नक्सलियों ने ग्रामीणों से कहा कि वह जिला प्रशासन की बैठकों में शामिल न हो। उन्होंने बताया कि इस संबंध में और अन्य जानकारियां ली जा रही है। अधिकारियों ने बताया कि पोड़ियम मूये आत्मसमर्पित नक्सली पोड़ियम पांडू उर्फ पंडा (45 ) की पत्नी है। पंडा ने इस वर्ष मई महीने में पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था। उन्होंने बताया कि पंडा नक्सलियों के जनमिलिशिया का डिप्टी कमांडर था। वह इस वर्ष 24 अप्रैल को बुरकापाल में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के दल पर नक्सली हमले में शामिल था। इस हमले में 25 जवान शहीद हो गये थे। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि आत्मसमर्पण के बाद पंडा ने माओवादियों के शहरी नेटवर्क को लेकर कई अहम खुलासे किए थे। पंडा के आत्मसमर्पण करने और जिला प्रशासन की मदद करने से माओवादी बौखला गए हैं और इसी बौखलाहट में उन्होंने इस घटना को अंजाम दिया था।
गुरुवार, 21 सितंबर 2017
नक्सलियों की कैद से रिहा हुए ग्रामीण
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