भाजपा से निकाला गया तो मेरे लिए होगा ‘अच्छा दिन’ : यशवंत - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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गुरुवार, 5 अक्टूबर 2017

भाजपा से निकाला गया तो मेरे लिए होगा ‘अच्छा दिन’ : यशवंत

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 नयी दिल्ली 05 अक्टूबर, भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता तथा पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ बगावती तेवर और तीखे करते हुए आज कहा कि पार्टी उनके खिलाफ कार्रवाई करती है तो वह उनके लिए बहुत ‘अच्छा दिन’ होगा। श्री सिन्हा ने कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता तथा पूर्व केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी की पुस्तक ‘टाइडिंग्स ऑफ ट्राब्ल्ड टाइम्स’ का विमोचन करते हुए कहा कि वर्तमान हालात पर वह जो कुछ बोल रहे हैं वही सचाई है। वह सच बोलने से डरते नहीं हैं क्योंकि डर और लोकतंत्र एक साथ नहीं चल सकता है। यह पूछने पर कि सच बोलने के कारण भाजपा उनके खिलाफ कार्रवाई कर सकती है, उन्होंने कहा कि वह सच बोलने से डरने वाले नहीं हैं और इसके लिए उनके खिलाफ कार्रवाई की जाती है और उन्हें पार्टी से निकाल दिया जाता है तो उनके लिए यह सबसे अच्छा दिन होगा। उन्होंने कहा कि भाजपा में जो बात वह कह रहे हैं पार्टी के असंख्य नेता वही महसूस करते हैं लेकिन डर के कारण कोई बोलता नहीं है। श्री सिन्हा ने कहा कि वह जो कुछ भी कहते हैं पार्टी के कई लोग इसका समर्थन करते हैं। डर के कारण खुलकर सामने नहीं आते हैं। राजनीति में इस तरह का डर आम बात है लेकिन उन्हें सच बोलना आता है। श्री मोदी का नाम लिए बगैर भाजपा नेता ने कहा, “अगर मेरी बात में सचाई नहीं है तो कल शाम सवा घंटा तक क्यों मेरे द्वारा उछाले गए मुद्दे पर भाषण देना पड़ा।” उन्होंने मोदी सरकार की नीतियों का मजाक उड़ाते हुए कहा “देश में स्टैंड अप इंडिया, स्टार्ट अप इंडिया, सिट डाउन इंडिया जैसे ना जाने क्या क्या कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। इन सबका कोई मतलब नहीं है। जरूरत है तो हम सब भारत के लिए स्टैंडअप हो जाएं।” भाजपा नेता ने कहा कि उनकी उम्र भले ही 80 के पार है लेकिन उनमें लड़ाई लड़ने का दमखम अब भी मौजूद है। इस संदर्भ में उन्होंने बिहार के क्रांतिकारी और महान स्वतंत्रता सेनानी बाबू कुंवरसिंह का उदाहरण दिया और कहा कि उन्होंने आजादी की लड़ाई में 80 साल के बाद ही हिस्सा लिया था। उन्होंने कहा, “आजाद होने के लिए लड़ाई लड़ने की कोई उम्र नहीं होती है।” श्री सिन्हा ने कहा जब एक अखबार में अर्थव्यवस्था को लेकर उनका लेख प्रकाशित हुआ तो उसके जवाब में उनके पुत्र तथा केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा को मेरे खिलाफ खड़ा करने को प्रयास किया गया। पिता और पुत्र के बीच दरार डालने का प्रयास हुआ ताकि इन दोनों के उलझने के कारण अर्थव्यवस्था को लेकर उठाए जाने वाले सवाल दब जाएं लेकिन यह चाल चली नहीं।उन्होंने कहा कि इस चाल के असफल होने के बाद कहा गया कि श्री सिन्हा ब्रिक्स जैसे संगठन के प्रमुख बनने की ख्वाहिश रखते हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वह भारत सरकार में वित्त मंत्री और विदेश मंत्री जैसे महत्वपूर्ण पदों पर काम कर चुके हैं इसलिए ब्रिक्स जैसे छोटे मोटे संगठन का प्रमुख बनाने का सवाल ही नहीं था। यहां भी चाल नहीं चली तो फिर उनकी ही बात को लेकर सवा घंटे तक सफाई देनी पड़ी। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने इस दौरान महाभारत की कथा का जिक्र किया और कहा कि पांडु पुत्र नकुल और सहदेव के मामा शल्य को बहला फुसला कर जब दुर्योधन ने अपने पक्ष में किया तो वह समझ नहीं पाए कि वह अपने भांजों के खिलाफ खड़े हो गए हैं इसलिए उन्होंने शर्त रखी कि वह हथियार तो नहीं उठाएंगे लेकिन महारथी कर्ण के सारथी बनेंगे। उन्होंने कहा कि महाभारत में कौरव 100 भाई थे लेकिन ‘दुर्योधन’ और ‘दुशासन’ ही कुख्यात हुए हैं। तीसरे का नाम कम ही लोगों को मालूम होगा। उन्होंने कहा कि वह किसके संदर्भ में यह नाम ले रहे हैं सभी समझते हैं। इस मौके पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कह कि देश में भय का माहौल है। आयकर विभाग और प्रवर्तन निदेशालय से पूरा देश परेशान हो गया है। पूरे देश में धार्मिक और जातीय जहर घोल दिया गया है और ऐसा उन्होंने पहले कभी नहीं देखा है।

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