इंदौर 28 अक्टूबर, राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने आज कहा जिस प्रकार अमेरिका में रहने वाला अमेरिकी, जर्मनी में रहने वाला जर्मन कहलाता है, वैसे ही हिंदुस्तान में रहने वाला हर व्यक्ति पहले हिंदू हैं। श्री भागवत ने यहां महाविद्यालायीन प्रकटोत्सव शारीरिक कार्यक्रम में कहा कि विश्वपटल पर आपकी पहचान आपकी मातृभूमि (देश) के नाम से ही होती है, होनी भी चाहिये। उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान में रहने वाला हर व्यक्ति पहले हिंदू है, फिर वहां अनेक समुदाय का है। उन्होंने कहा इसमे किसी को विरोध, दुश्मनी या आपत्ति नहीं होनी चाहिये। उन्होंने कहा सिंधु नदी के पार और हिमालय के आगे का पूरा भू-भाग ही हिंदुस्तान है। उन्होंने देश कि संस्कृति में युवाओं के योगदान को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा भारतीय परंपरा को आगे ले जाने में युवाओ को अपनी भूमिका का निर्वाहन करना हैं। श्री भागवत ने कहा आरएसएस के उद्देश्य कभी भी लोकप्रिय और प्रभावी बनना नही है, बल्कि समाज को एकजुट करना हैं। उन्होंने देश मे विकास की प्रचारित अवधारण पर एक तरह से अपरोक्ष तंज कसते हुए कहा कि जंगल में रहने वाले शेर को चिड़ियाघर के मजबूत पिंजरे में ले आना उसका विकास नही है। आरएसएस प्रमुख ने कहा समाज ही सरकारे बनाता हैं। समाज जितना विकास करेगा, सरकारे भी उतना ही विकास कर पायेगी। उन्होंने कहा कि भारत को विश्व गुरु बनाने के लिए हमे अपने आचरण, विचार और दृष्टि में बदलाव लाना होगा। हम इस दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। देश की एकजुटता पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि यूरोप से हमें इस मामले में सीखना चाहिए। जिस प्रकार वहां किसी ध्येय की प्राप्ति के लिए विपरीत विचारधारा के लोग एकजुट होकर कार्य करते हैं। उसी प्रकार हमें भी मिलजुलकर आगे बढ़ने की जरूरत है .
शनिवार, 28 अक्टूबर 2017
हिंदुस्तान का हर व्यक्ति पहले हिंदू है-भागवत
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