इंदौर 28 अक्टूबर, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहनराव भागवत ने बिना किसी का नाम लिए भारत के पड़ोसी देशों पर निशाना साधते हुए कहा है कि नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पार के लोग राक्षस प्रवृत्ति के हैं, जो केवल जमीन लेने की बात ही करते हैं, यदि हम जमीन देते रहे तो हमारे पास क्या बचेगा। श्री भागवत आज मध्यप्रदेश के इंदौर में आरोग्य भारती के दो दिवसीय अधिवेशन के उद्घाटन समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने उदहारण देते हुए कहा कि जीवन जीने के दो तरीके हैं। पहला तरीका राक्षस का और दूसरा तरीका देवों का। राक्षस प्रवृत्ति के लोग केवल लेना और हथियाना जानते हैं, जबकि देव प्रवृत्ति के लोग देने में विश्वास करते हैं। इसके बावजूद अत्याधिक देने की प्रवृत्ति ठीक नहीं है। उन्होंने आरोग्य भारती के विषय में कहा कि यह किसी चिकित्सा पद्धति के विरोध में नहीं है, अपितु सभी पद्धतियों को पूर्ण करने के लिए उत्पन्न हुयी है। आरोग्य भारती का ध्येय है कि कोई मनुष्य बीमार न पड़े। संघ प्रमुख ने देश के नागरिकों के स्वास्थ्य पर जोर देते हुए कहा कि हर व्यक्ति को नियमित व्यायाम, हितकर, सही मात्रा एवं ऋतु अनुसार आहार और विहार अपनाना चाहिए। इन सब बातों का ध्यान रखने से व्यक्ति का शरीर ही नहीं बुद्धि और मन भी स्वस्थ रहता है। उन्होंने संस्कारों पर ध्यान दिलाते हुए कहा कि संस्कार अच्छे हों, तो जीवन शैली भी अच्छी रहती है। उद्घाटन के पहले आचार्य भाव प्रकाश प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। प्रदर्शनी का उद्घाटन केंद्रीय आयुष राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्रीपाद येसो नाइक ने किया। इस अवसर पर मध्यप्रदेश के स्वास्थ्य एवं आयुष मंत्री रुस्तम सिंह भी उपस्थित थे। प्रदर्शनी में राशियों, नक्षत्र के अनुसार लगाये जाने वाले वृक्षों की जानकारी दी गई। अधिवेशन में पूरे देश भर से 700 से अधिक प्रांतीय स्तर के महिला एवं पुरुष चिकित्सक उपस्थित हो रहे हैं।
शनिवार, 28 अक्टूबर 2017
नियंत्रण रेखा के पार के लोग राक्षस प्रवृत्ति के - भागवत
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