विजय सिंह,आर्यावर्त डेस्क,जमशेदपुर, इस समाचार को पढ़ा.सोचने लगा कि देश की वैश्विक प्रतिष्ठित कंपनियों में शुमार टाटा स्टील जैसी संस्था के एच.आर. वाईस प्रेसिडेंट सुरेश दत्त त्रिपाठी को आत्मरक्षा के लिए कार्बाइन की जरुरत क्यों आन पड़ी ? यह प्रश्न इसलिए क्योंकि टाटा स्टील से हमारा पुराना नाता रहा है.पत्रकारिता के २६ वर्षों में और उससे पहले भी कंपनी अधिकारियों के सामाजिक दायरे को नजदीक से देखा है.सामुदायिक विकास की अवधारणा ने इस सम्मान को और संबलता प्रदान की. जमशेदपुर जैसे शहर में तो टाटा स्टील के अधिकारियों को जो मान सम्मान मिला है वो शायद ही कहीं और किसी को मिला हो. सामाजिक,प्रशासनिक या सरकारी दायरे में हर जगह टाटा स्टील के अधिकारियों की सर्वप्रथम पूछ रही है. और सबसे बड़ी बात जो मुझे लगी कि औद्योगिक शांति के लिए विश्व भर में प्रसिद्ध टाटा स्टील जैसी कंपनी के मानव संसाधन विभाग के उपाध्यक्ष(टाटा स्टील में यह पद काफी महत्वपूर्ण और ताकतवर माना जाता है) जिनके पास मानव संसाधन के रूप में इतनी बड़ी पूंजी और ताकत हो उसे आत्मरक्षा के लिए किसी और चीज की जरुरत हो सकती है क्या?
मंगलवार, 31 अक्टूबर 2017
टाटा स्टील के एच आर उपाध्यक्ष को चाहिए आत्मरक्षा के लिए कार्बाइन
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