पटना 6 नवम्बर , भाकपा-माले राज्य सचिव कुणाल ने आज पटना में प्रदर्शनकारी नर्सों पर बर्बर लाठीचार्ज की कड़ी निंदा की है और कहा है कि नीतीश सरकार लाठी-गोली की सरकार बन गयी है. आंदोलनकारियों की जायज मांगों को सुनने की बजाए वह दमन का सहारा ले रही है. उन्होंने कहा कि महासंघ(गोप गुट) से सम्बद्ध बिहार राज्य एएनएम(आर) संविदा कर्मचारी संघ के आह्वान पर अपनी सेवा के नियमितीकरण और समान काम के लिए समान वेतन की मांग पर पिछले 2 नवम्बर से नर्सों का अनिश्चितकालीन हड़ताल चल रहा है, लेकिन सरकार अथवा उसके किसी प्रतिनिधि ने आंदोलनकारियों से वात्र्ता करना तक उचित नहीं समझा. आज जब वे प्रदर्शन कर रही थीं, तो उनके उपर बर्बर पुलिसिया दमन ढाया गया. जिसमें दर्जन भर नर्सों को गहरी चोट आई है. यहां तक कि इस बर्बर पुलिसिया कार्रवाई में जुलुस को नियंत्रित कर रहे महासंघ (गोप गुट) के महासचिव प्रेमचंद कुमार सिन्हा को भी गंभीर चोटें आई है. बिहार सरकार आंदोलनकारियों के प्रति घोर संवेदनहीनता बरत रही है. उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी पूरी तरह से उनकी मांगों का समर्थन करती है. उनकी सेवा स्थायी होनी चाहिए और समान काम के लिए समान वेतन लागू होना चाहिए. ऐपवा की बिहार राज्य सचिव शशि यादव ने भी घटना की तीखी भत्र्सना की है. उन्होंने कहा कि नर्सों के ऊपर बर्बरता से किया गया हमला बतलाता है कि नीतीश सरकार न केवल कर्मचारी विरोधी बल्कि घोर महिला विरोधी भी है. ऐपवा उनके संघर्षों के साथ अपनी एकजुटता जाहिर करती है और उनकी मांगों को अविलंब लागू करने की मांग करती है.
सोमवार, 6 नवंबर 2017
पटना में आंदोलनरत नर्सों पर बर्बर लाठीचार्ज बेहद निंदनीय: माले-ऐपवा
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