- एक दिवसीय श्री कोटि पार्थिव महादेव पूजन महायज्ञ पृथ्वी लोक के इतिहास में पहलीवार मिथिला की पवित्र धरती जनकपुर में बुधवार को सकुशल संपन्न हुआ । इससे पहले कभी इस तरह का महायज्ञ दुनियां में नहीं किया गया है ।
मधवापुर/जनकपुर (गांधी मिश्रा गगन), 09 नवंबर । पुराणों के अनुसार इससे पहले त्रेता युग के लंका नरेश महाप्रतापी पुरुष एवं शिव भक्त रावण के द्वारा देवलोक में देवताओं के बीच जारी आपसी वरीयता के संघर्ष को पाटने व शांति स्थापित करने के लिए एक दिवसीय श्री कोटि पर्तिव पूजन महायज्ञ का आयोजन किया गया था । इस महायज्ञ में भारत नेपाल अर्थात मिथिलांचल के लाखों पुरुष एवं महिला कांवरिया बम शामिल हुए । पुराणों के अनुसार सभी लिंग पूजन में मिट्टी से बने पार्थिव शिव लिंग पूजन का विशेष महत्व माना गया है । यही परिकल्पना लेकर मानस बोलबम जनकपुर और माघी कांवरिया मिथिला के बमों द्वारा संयुक्त रूप से त्रेता युग के मिथिला नरेश राजा जनक एवं जगत जननी मां सीता की जन्म स्थली पवित्र जनकपुर नगरी के विशाल बारह बीघा अर्थात रंगभूमि मैदान में इसका आयोजन किया गया । भारत नेपाल के गांव गांव से भारी संख्या में पहुंचे कांवरियों के जत्था द्वारा अपने हाथों से एक दिन में एक करोड़ 34 लाख 25 हजार शिव पार्थिव महादेव का निर्माण किया गया और उसी दिन पूजा कर उसके दशांश हवन किया गया ।
आरती के पश्चात महायज्ञ का विसर्जन हुआ । लाखों की संख्या में देश विदेश से पहुंचे बम और बमभोली बम की भारी भीड़ से उतपन्न हुई कुव्यवस्था के बावजूद यह महायज्ञ भक्तों के सहयोग से सकुशल देर रात में संपन्न हो गया । इसमें शामिल होने आए भक्तों को किसी तरह की कठिनाई नहीं हो इसके लिए पूजा समिति द्वारा भव्य पूजा पंडाल , हवन कुंड , पर्याप्त रोशनी , पीने के पानी ,आदि की व्यवस्था की गई थी । जबकि, धर्मावलंबियों के मनोरंजनार्थ नचारी ,भजन ,किर्तन, आदि धार्मिक सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया था ।वहीं ,धनुषा जिला प्रशासन द्वारा सुरक्षा एवं यातायात के कड़े प्रबंध किए गए थे । जबकि ,कई शैक्षणिक संस्थानों व स्वयंसेवी संगठनों द्वारा पीने के पानी व स्वास्थ्य केंद्र की तत्काल व्यवस्था मैदान में कई गयी थी । 11 सौ पंडितों के द्वारा आंवटित स्थल पर पार्थिव महादेव का पूजन किया गया । इसी तरह हवन ,जाप ,रुद्री पाठ,शिव पाठ ,गीता पाठ ,सप्सती पाठ आदि किया गया । इन सभी पाठों के लिए सौ सौ की संख्या में पंडितों की टोली बनायी गयी थी ।
नेपाल के पीएम शेरबहादुर देउवा भी महायज्ञ स्थल पर पहुंचकर दर्शन किया और पूरे पंडाल का भ्रमण कर मुआयना किया । उन्होंने इसके लिए आयोजक मंडल और मिथिला मधेस की धरती तथा यहां के लोगों का आभार माना ।
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