नई दिल्ली 8 नवंबर, नोटबंदी के एक साल बाद केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने बुधवार को कहा कि नकली नोटों के जरिए आतंकवादियों को किया जाने वाला वित्त पोषण जम्मू एवं कश्मीर तथा छत्तीतसगढ़ में कम हुआ है। उन्होंने डीडी न्यूज से कहा, "यह बिल्कुल स्पष्ट है कि आतंकवादियों के वित्त पोषण में आश्चर्यजनक रूप से गिरावट आई है। हमें जम्मू एवं कश्मीर तथा छत्तीसगढ़ की सुरक्षा एजेंसियों से यह जानकारी मिली है कि नकदी का प्रवाह कम हुआ है। जम्मू एवं कश्मीर में पत्थर फेंकने की घटनाओं में कमी आई है।" जेटली ने यह भी कहा कि आंतकवादियों के वित्त पोषण में नकदी तरलता का काम करता है। भारत सरकार ने एक साल आठ नवंबर को 500 रुपये और 1000 रुपये के नोट को प्रतिबंधित कर दिया था। जेटली ने कहा, "यह प्रचलित स्थिति (अर्थव्यवस्था में) को बदलने का एक प्रयास था। भारत मध्य आय वाली अर्थव्यवस्था से विकसित अर्थव्यवस्था में जाना चाहता है। लेकिन हमारी प्रणाली में ज्यादातर बड़े निवेश काले धन के माध्यम से ही किए जाते हैं। यहां तक कि व्यापार में भी लोग दो तरह के खाते बनाकर रखते हैं। लोग हमेशा कर चुराने की कोशिश में लगे रहते हैं।" मंत्री ने कहा कि जब कोई ईमानदार व्यक्ति कर चुकाता है तो वह कर चोरी करनेवाले के बदले भी कर चुकाता है। उन्होंने कहा, "यही कारण है कि आपको प्रणाली को बदलना होगा। अगर प्रणाली में ज्यादा नकदी होगी, तो इसे बदलना संभव नहीं होगा। अगर हम अधिक विकास चाहते हैं तो प्रणाली में कम नकदी रखनी होगी।"
बुधवार, 8 नवंबर 2017
आतंकवादियों को वित्त पोषण में गिरावट : जेटली
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