भारत प्रौद्यौगिकी संस्थानों (आईआईटी) में आगामी शैक्षणिक सत्र में लड़कियों के लिए एडमिशन के बेहतर मौके होंगे। शैक्षणिक सत्र 2018-19 के दौरान लड़कियों के लिए छह फीसदी अतिरिक्त सीटें आईआईटी सृजित करेंगे। इससे लड़कियों के लिए करीब छह सौ अतिरिक्त सीटों का इजाफा होगा।
लड़कियों की संख्या है कम : पिछले साल आईआईटी संस्थानों में लड़कियों की घटती संख्या पर ज्वाइंट एडमिशन बोर्ड (जैब) ने चिंता जताई थी। इसके लिए जैब ने एक पैनल गठित किया था जिसका काम संस्थानों में छात्राओं की संख्या बढ़ाने को लेकर सुझाव देना था। आईआईटी काउंसिल ने बीटेक कोर्स में लड़कियों की संख्या बढ़ाने का निर्णय लिया था। इसके तहत अगले तीन सालों में लड़कियों की सीटें 20 फीसदी तक की जाएंगी। आईआईटी में अभी बीटेक कोर्स में करीब दस हजार सीटें हैं लेकिन लड़कियों की संख्या इनमें महज आठ फीसदी यानी 800 के करीब है।
इतनी सीटें मिलेंगी : मानव संसाधन विकास मंत्रालय के उच्च सूत्रों ने बताया कि इस साल छह फीसदी सीटें बढ़ाने को कहा गया है। इसलिए अगले सत्र में होने वाले एडमिशन में कम से कम 14 फीसदी सीटें लड़कियों को मिलेंगी। लेकिन जो छह फीसदी सीटें बढ़ाई जा रही हैं, वह आईआईटी अतिरिक्त सृजित करेंगे। इस प्रकार लड़कियों के लिए करीब छह सौ अतिरिक्त सीटों का इंतजाम होगा।
हर साल सीटों में होगा इजाफा : मानव संसाधन मंत्रालय के अनुसार इन सीटों को सुपरन्यूमेरी सीट कहा जाएगा और हर साल इन सीटों की संख्या बढ़ाई जाएगी। इन सीटों की वजह से पहले से छात्रों के लिए मौजूद सीटों की संख्या में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। ये बदलाव आने वाले आठ सत्रों तक लागू किया जाएगा। आठ सत्रों में आईआईटी में छात्राओं के लिए सीटों की संख्या जरूरत के हिसाब से बढ़ेगी। इसके अलावा महिला उम्मीदवार द्वारा छोड़ी गई सीट भी महिला उम्मीदवार को ही अलॉट की जाएगी।
2019 में इतनी होगी बढ़ोतरी : मंत्रालय के अनुसार शैक्षणिक वर्ष 2019-20 के दौरान सीटों में तीन फीसदी का और इजाफा किया जाएगा तथा 17 फीसदी सीटें लड़कियों के लिए हो जाएंगी। इसके बाद तीसरे वर्ष 2020-21 के दौरान तीन फीसदी और बढ़ाकर 20 फीसदी किया जाएगा। लेकिन हर बार नई सीटें सृजित की जाएंगी।
छात्राओं की संख्या बढ़ाने की कवायद : आईआईटी में छात्राओं की घटती संख्या को बढ़ाने के लिए कई कवायद की जा रहीं हैं। सीटों की संख्या बढ़ाने के अलावा पांच आईआईटी ने होनहार छात्राओं की फीस भी माफ करने का फैसला किया है। आईआईटी मंडी ने छात्राओं की कुछ फीस माफ करने के साथ ही उन्हें 10 हजार का मंथली स्कॉलरशिप भी प्रदान करना शुरू कर दिया है। इसके अलावा आईआईटी दिल्ली, वाराणसी, मुंबई और रोपर ने भी छात्राओं को फीस ने कुछ हद तक छूट देने का फैसला किया है। आईआईटी दिल्ली के अनुसार समान मौके मिलने पर छात्राएं छात्रों की तुलना में संस्थानों में बेहतर परिणाम ला रही हैं।
---अखलाक--
वरिष्ट पत्रकार
मधुबनी
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