नयी दिल्ली 13 दिसंबर, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सरकारी बैंकों की गैर निष्पादित परिसंपत्तियों (एनपीए) को संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार का सबसे बड़ा घोटाला करार देते हुये आज कहा कि उनकी सरकार बैंकिंग तंत्र को ठीक करने का काम कर रही है। श्री मोदी ने उद्योग संगठन फिक्की की 90वीं वार्षिक आम बैठक का यहाँ शुभारंभ करते हुये कहा कि संप्रग के कार्यकाल में कोयला और 2जी जैसे घाेटाले तो हुये ही, साथ ही आम लोगों की बैंकों में जमा गाढ़ी कमाई कुछ चुनिंदा उद्यमियों में लुटा दी गयी जो आज एनपीए के रूप में है। उन्होंने उद्योग संगठनों पर भी कटाक्ष करते हुये कहा कि देश के बैंकिंग तंत्र की दुर्दशा से सब अवगत है, लेकिन जब संप्रग के कार्यकाल में कुछ चुनिंदा कंपनियों को आम लोगों की गाढ़ी कमाई दी जा रही थी तब फिक्की ने इस पर क्या कोई सर्वेक्षण किया था। उन्होंने कहा कि एनपीए का मुद्दा उनके सरकार के कार्यकाल में उठा जबकि संप्रग सरकार के अर्थशास्त्रियों को यह नहीं दिखा था। श्री मोदी ने एनपीए को उनकी सरकार पर सबसे बड़ा बोझ बताते हुये कहा कि जो लोग मौन रहकर यह सब कुछ देख रहे थे उन्होंने इसके बारे में कभी जानने की कोशिश क्यों नहीं की। उन्होंने कहा कि बैंकिंग तंत्र ठीक रहेगा और बैंक तथा ग्राहकों के हित सुरक्षित रहेंगे तो देश भी सुरक्षित रहेगा। उन्होंने वित्तीय समाधान एवं जमा बीमा (एफआरडीआई) विधेयक, 2017 को लेकर जताई जा रही चिंता के बीच लोगों को आश्वस्त किया कि उनका पैसा सुरक्षित है। विधेयक के बारे में बेवजह अफवाहें फैलाई जा रही हैं।
बुधवार, 13 दिसंबर 2017
बैंकाें का एनपीए संप्रग सरकार का सबसे बड़ा घोटाला : मोदी
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