पटना.क्या ईसाई समुदाय मुक्त होना चाहते हैं मिशनरी एनजीओ संस्थाओं से.इसका टका का जवाब है हां.बड़े पैमाने पर पुरोहित और सिस्टरों द्वारा संस्था खोलकर कार्य किया जा रहा है.स्कूल,कॉलेज,हॉस्पीटल आदि खोलकर चांदी काट रहे हैं. वहीं ईसाई समुदाय पस्त हैं. ऐसे लोग बेहतर जिंदगी जीना चाहते हैं. सिस्टरों और फादरों द्वारा निर्मित पॉकेट संस्थाओं को ठेंगा दिखा राजनीतिक दलों में दनादन में प्रवेश कर रहे हैं. चश्मा सेंटर कुर्जी में रहने वाले स्टेला साह और स्व.अनिल साह के पुत्र सिसिल साह कांग्रेस के दामन पकड़े हुए हैं. बिहार प्रदेश अल्पसंख्यक विभाभ के उपाध्यक्ष हैं. पटना सिटी हैं बिहार राज्य अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष एम्ब्रोस पैट्रिक. एम्ब्रोस जदयू में हैं. वहीं कुर्जी निवासी अनिल साह के द्वितीय पुत्र बीजेपी को पकड़ रखा है. बिहार प्रदेश बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश मंत्री हैं. पश्चिमी चंपारण के बेतिया निवासी रवि माइकल बीजेपी में हैं. पश्चिमी चम्पारण जिला के बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा के जिला उपाध्यक्ष और चनपटिया के प्रभारी है रवि माइकल. अभी अभी कांग्रेस में शामिल हुए हैं गोडेन अन्तोनी.विधायक मदनमोहन तिवारी की उपस्थिति में पश्चिमी चम्पारण के जिलाध्यक्ष गोडेन अन्तोनी को बनाया गया है.
शनिवार, 9 दिसंबर 2017
मिशनरी एनजीओ के बंधन से मुक्त होना चाहते हैं ईसाई समुदाय
Tags
# बिहार
Share This
About आर्यावर्त डेस्क
बिहार
Labels:
बिहार
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
Author Details
सम्पादकीय डेस्क --- खबर के लिये ईमेल -- editor@liveaaryaavart.com
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें