पटना 14 दिसम्बर, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज कहा कि उनका मानन है कि विकास का मतलब सामाजिक सोच में परिवर्तन लाना है और इसी उद्देश्य से उनकी सरकार ने राज्य में शराबबंदी कर सामाजिक परिवर्तन की बुनियाद रखी है । श्री कुमार ने विकास कार्यों की समीक्षा यात्रा के पहले चरण के तीसरे दिन शिवहर जिले के तरियानी प्रखंड के सुरगाही ग्राम का भ्रमण कर विकसित बिहार के सात निश्चय और अन्य विकासात्मक योजनाओं के तहत चल रहे कार्यों का जायजा लिया और ग्रामीणों से भी मुलाकात कर विकास कार्यों की जानकारी ली। उन्होंने इस मौके पर जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि बिहार में शराबबंदी कर उनकी सरकार ने सामाजिक परिवर्तन की बुनियाद रखी है। उनके लिए विकास का मतलब सामाजिक सोच में परिवर्तन लाना है। अब लोगों की सोच और मानसिकता बदली है क्योंकि पहले यदि गांव में कोई लड़की साइकिल चलाती हुई दिखाई पड़ती थी तो लोग कहा करते थे कि लड़की हाथ से निकल गई लेकिन अब वह पुरानी बातें हो चुकी हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि महिलाओं की मांग पर ही बिहार में शराबबंदी लागू की गई, जिसका नतीजा हुआ कि अब न सिर्फ पूरे राज्य में अमन, चैन कायम है बल्कि महिला उत्पीड़न के मामले भी नगण्य हो गए हैं। लोगों के घरों में खुशहाली लौटी है, ऐसे में महिलाओं को निरंतर सजग रहने की आवश्यकता है क्योंकि ‘सावधानी हटी, दुर्घटना घटी’ सड़कों पर यह लिखा रहता है। उन्होंने कहा कि शराबबंदी एवं नशामुक्ति के खिलाफ सशक्त अभियान चलाया जा रहा है लेकिन इसके लिए लोगों को आगे आना होगा और लोगों को जागरुक होना होगा।
श्री कुमार ने कहा कि नारी सशक्तिकरण की दिशा में बिहार ने कई कदम उठाए हैं, जिसमें पंचायती राज और नगर निकाय के चुनाव में 50 प्रतिशत का आरक्षण और शिक्षक बहाली में भी 50 प्रतिशत का आरक्षण महिलाओं को दिया गया है। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही साथ लड़कियों के लिए बालिका पोशाक योजना और बालिका साइकिल योजना की शुरुआत की गई, इसका नतीजा यह हुआ कि हाई स्कूल में लड़कियों की संख्या एक लाख 70 हजार से बढ़कर अब 9 लाख 30 हजार से भी ज्यादा हो चुकी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इसी तरह महिलाओं को राज्य सरकार की सभी सेवाओं में 35 प्रतिशत का आरक्षण दिया गया है। उन्होंने महिलाओं से गलत धंधे में लगे लोगों को पकड़वाने के लिए निरंतर प्रयत्नशील रहने का आह्वान करते हुए कहा कि वह इसके लिए सरकारी तंत्र को और भी दुरुस्त करने में जुटे हैं ताकि ऐसे लोगों पर नकेल कसी जा सके। सरकार ने अपराध अनुसंधान विभाग (सीआईडी) में एक अलग तंत्र बनाने का फैसला लिया है। श्री कुमार ने कहा कि सरकारी तंत्र को और अधिक सख्त बनाने के लिए वह कोई कोर कसर नहीं छोड़ेंगे लेकिन जब तक जनता जागरुक नहीं होगी सिर्फ कानून और पुलिस तंत्र को मजबूत कर देने से कामयाबी नहीं मिलेगी। उन्होंने दहेज प्रथा और बाल विवाह के खिलाफ छेड़े गए सशक्त अभियान की चर्चा करते हुए कहा कि दहेज लेना और देना कानूनन अपराध है तथा 21 साल से कम उम्र के लड़के और 18 साल से कम उम्र की लड़की का विवाह भी कानूनन जुर्म है लेकिन सामाजिक जागरुकता की कमी के कारण यह सामाजिक कुरीतियां आज भी हमारे समाज में व्याप्त है। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने रिमोट के माध्यम से 244 करोड़ रुपये की लागत से कई योजनाओं का शिलान्यास एवं उद्घाटन किया। इस अवसर पर सहकारिता मंत्री एवं शिवहर जिले के प्रभारी मंत्री राणा रणधीर सिंह, विधायक सुनीता सिंह चौहान, विधायक मोहम्मद सरफरुद्दीन, राज्य के मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह और पुलिस महानिदेशक पी के ठाकुर ने भी उपस्थित थे।
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