सीहोर । मण्डी स्थित सरस्वती विद्या मंदिर उ.मा.वि. मण्डी सीहोर में भारत के प्रख्यात संत परम पूज्यनीय डॉ. रामकमल दास वेदांती जी महाराज पहुॅचे। जहॉ उन्होने अपने मधुर और ज्ञान प्रेरक वाणी से विद्यालय के छात्र-छात्राओं को जीवन में शिक्षा संस्कार, शिक्षक और विद्यालय का मनुष्य जीवन में कितना अमूल्य महत्व है इस पर मार्गदर्शन दिया। उन्होने बताया कि शिक्षा प्राप्त करने के लिये विद्यार्थियों में समर्पण इच्छा शक्ति और लगन का भाव होना जरुरी है। शुक्रवार को विद्यार्थियों के बीच पहुॅचे प्रख्यात संत श्री वेदांती ने कहा कि यदि प्रत्येक छात्र यह सोच ले, संकल्प ले कि मुझे अपने जीवन को ज्ञान रूपी और संस्कारमयी बनाना है तो वह जीवन में अवश्य सफल होगा। उन्होने बताया कि गुरुजनों के मन में विद्यार्थी के लिये प्रेम का भाव होता है। जिस तरह कुम्हार घड़ा तैयार करने के लिये मिट्टी को ठोक-ठाक कर घड़े का निर्माण करता है और आकार देकर सौन्दर्य प्रदान करता है। उसी की भांति शिक्षक अपने ज्ञान से छात्र के जीवन का निर्माण करते हैं। छात्र के लिये यह जरुरी है कि वे अपने शिक्षकों का सम्मान करें और उनकी बताई गई शिक्षा का अनुसरण करें। भगवान विष्णु के अवतार श्रीराम और कृष्ण ने भी इस धरा पर अवतरित होकर माता, पिता और गुरुओं की सेवा - पूजा की है। हम तो केवल मानव मात्र है। डॉ. वेंदाती ने बच्चों को जहॉ डाल डाल पे सोने की चिडिय़ा करती है बसेरा, वो भारत देश है मेरा गीत अपनी सुमधुर आवाज में गाकर प्रेरणा प्रदान की। इस अवसर पर त्यागी आश्रम के पूज्यनीय संत श्री उद्वव दास जी, विदिशा से पधारे संत श्री ओंकार दास जी, पंडित आचार्य बनवारी एवं आचार्य पवन पाराशर जी ने भी विद्यार्थियों का आशीर्वाद दिया। इस अवसर पर सरस्वती विद्या मंदिर संचालन समिति के अध्यक्ष श्री राजेश खण्डेलवाल, सचिव जयंत शाह एवं समिति के वरिष्ठ सदस्य सरंक्षक महेन्द्र पालीवाल सदस्य, शैलेष तिवारी, राजेश जैन, रामसिंह यादव सहित सुनील आहुजा, दिग्विजय पुरोहित, रामप्रकाश चौधरी आदि उपस्थित थे।
शुक्रवार, 8 दिसंबर 2017
जहां डाल डाल पे सोने की चिडिय़ा करती है बसेरा वो भारत देश है मेरा : संत डॉ. वेदांती
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