पटना 10 दिसम्बर, बिहार में संवदाकर्मियों को नियमित करने, समान काम के लिए समान वेतन और शिक्षकों को वेतनमान दिये जाने की मांग को लेकर आज जन अधिकार पार्टी (जाप) के चक्का जाम आंदोलन का राज्य में मिलाजुला असर देखा गया। जाप के संरक्षक और मधेपुरा के सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव के नेतृत्व में पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने चक्का जाम के दौरान ट्रेन यातायात को बाधित किया। जाप के कार्यकर्ताओं ने समस्तीपुर, दरभंगा और आरा समेत विभिन्न जिलों में भी कई स्टेशनों पर प्रदर्शन कर ट्रेन यातायात के अलावा सड़क मार्ग को भी बाधित किया। समस्तीपुर से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार पूर्व मध्य रेल के समस्तीपुर रेलवे स्टेशन के निकट जाप कार्यकर्ताओ ने रेल पटरी पर धरना-प्रदर्शन कर 12553 अप वैशाली सुपर फास्ट ट्रेन को कुछ देर के लिए रोक दिया। प्रदर्शन के कारण समस्तीपुर-मुजफ्फरपुर और समस्तीपुर-दरभंगा रेलखंड पर कई घंटों तक ट्रेनों का परिचालन बाधित रहा। इस मौके पर आयोजित प्रतिरोध सभा को संबोधित करते हुए जाप नेता और पूर्व विधायक अजय कुमार बुल्लगानीन ने आरोप लगाया कि नीतीश सरकार की बालू खनन की गलत नीतियों के कारण बिहार के लाखों मजदूर आज भुखमरी का दंश झेल रहे हैं। इस चक्का जाम आन्दोलन में जाप के जिलाध्यक्ष रामवृक्ष राय, जाप अधिवक्ता प्रकोष्ठ के प्रदेश उपाध्यक्ष रणधीर कुमार, पूर्व विधायक अशोक प्रसाद वर्मा और मनीष यादव समेत बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं ने भाग लिया।
इस बीच सांसद श्री यादव ने चक्का जाम आंदोलन को सफल बताया और इसके लिए कार्यकर्ताओं को बधाई दी। उन्होंने कहा कि संविदा पर बहाल कर्मचारियों को नियमित करने, समान काम के लिए समान वेतन और शिक्षकों को वेतनमान देने की मांग को लेकर उनकी पार्टी का आंदोलन आगे भी जारी रहेगा। श्री यादव ने कहा कि उनकी मांगों को यदि सरकार नहीं मानेगी तो 16 दिसंबर को बिहार बंद किया जाएगा। उन्होंने कहा कि बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) के माध्यम से चयनित शिक्षकों की बहाली में बड़े पैमाने पर धांधली हुई है, जिसकी जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य में शिक्षा व्यवस्था चौपट हो गई है। छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी राज्य की मेधा के साथ खिलवाड़ नहीं करने देगी। जाप संरक्षक ने आरोप लगाया कि बिहार में सरकार और विपक्षी पार्टियां दोनों आरक्षण के नाम पर जनता को दिगभ्रमित करने का प्रयास कर रही हैं और लोगों का ध्यान मुख्य मुद्दों से भटका रही है। राज्य में अपराध की घटनाओं में निरंतर वृद्धि हो रही है। दलित और वंचितों का उत्पी़ड़न बढ़ गया है। पुलिस अपराध रोकने में विफल साबित हो गयी है।
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