पटना 8 दिसंबर 2017, भाकपा-माले राज्य सचिव कुणाल ने कहा है कि हड़ताली संविदा स्वास्थ्यकर्मियों की मांगों पर उचित कार्रवाई की बजाए बिहार सरकार उन सभी केे कांट्रैक्ट रद्द करने की धमकी दे रही है. यह बेहद निंदनीय है और कर्मचारियों को डराने-धमकाने की कार्रवाई है. भाकपा-माले ने अपने वक्तव्य में कहा है कि अपनी सेवा के स्थायीकरण और समान काम के लिए समान वेतन आदि की मांग कर रहे एएनएम (आर) सहित अन्य संविदा स्वास्थ्यकर्मियों-पदाधिकारियों को मजबूर होकर हड़ताल में जाना पड़ रहा था, क्योंकि सरकार उनकी मांगों को लगातार अनसुनी कर रही है. यदि सरकार को स्वास्थ्य सेवाओं की थोड़ी भी चिंता होती तो वह हड़ताली स्वास्थ्यकर्मियों से वार्ता कर इस गतिरोध को समाप्त करवाती, लेकिन वह उलटे स्वास्थ्यकर्मियों को धमकी दे रही है. सरकार की यह धमकी उकसावे की कार्रवाई है और इससे कर्मचारियों के तेवर को कम नहीं किया जा सकता. बिहार सरकार डरा-धमकाकर व बर्बर दमन ढाकर उनकी आवाज कुचल देने की कोशिश कर रही है. हमारी पार्टी इसका पुरजोर विरोध करती है और कर्मचारियों के संघर्षों के साथ अपनी एकजुटता जाहिर करती है.
शुक्रवार, 8 दिसंबर 2017
हड़ताली स्वास्थ्यकर्मियों को धमकाना बंद करे सरकार : माले
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