कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मणिशंकर अय्यर ने प्रधानमंत्री के लिये 'नीच' शब्द का प्रयोग कर खुद अपने को और अपनी पार्टी को परेशानी में डाल दिया है। हुआ यों कि गुजरात चुनाव के पहले चरण के प्रचार के आखिरी दिन कांग्रेस के नेता मणिशंकर अय्यर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर एक विवादित बयान दिया।मणिशंकर अय्यर ने कहा, "मुझे लगता है कि यह आदमी बहुत नीच किस्म का आदमी है,इसमें कोई सभ्यता नहीं है और ऐसे मौके पर इस किस्म की गंदी राजनीति करने की क्या आवश्यकता है?" दरअसल, मणिशंकर अय्यर का यह बयान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस बयान पर आया था जिसमें उन्होंने कहा था कि राष्ट्र-निर्माण में बाबा साहब आंबेडकर की भूमिका को हमेशा कमतर करने का प्रयास किया गया। लेकिन यह प्रयास नाकाम रहा क्योंकि जिस एक ख़ास परिवार के लिए ये सब किया गया, उससे ज्यादा लोगों के ऊपर बाबा साहब आंबेडकर का प्रभाव रहा है।बाद में प्रधानमन्त्री मोदी ने ट्वीट किया, "मुझे कांग्रेस के एक बुद्धिमान नेता ने 'नीच' कहा।यह कांग्रेस की मानसिकता है। उनकी अपनी भाषा है और हमारा अपना काम है।लोग उन्हें अपने वोटों से इसका जवाब देंगे।"
वैसे यह पहला मौका नहीं है जब मणिशंकर अय्यर अपने विवादित बयानों के लिए सुर्ख़ियों में रहे हैं। दिसंबर 2013 में अय्यर ने नरेंद्र मोदी को 'जोकर' बताया था और कहा था कि उन्हें न इतिहास पता है, न अर्थशास्त्र और न ही संविधान की जानकारी है। जो मुंह में आता है, बोलते रहते हैं। अय्यर एक बार प्रतिबंधित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक हाफिज सईद को 'हाफिज साहब' भी कह चुके हैं। इतना ही नहीं उन्होंने एक पाकिस्तानी टीवी चैनल पर साक्षात्कार के दौरान सुझाव दिया था कि भारत और पाकिस्तान के बीच शांति केवल तभी संभव है जब मोदी सरकार गिर जाए। उन्होंने पाकिस्तान से भाजपा सरकार को गिराने में मदद करने को भी कहा था।और तो और 2014 के चुनाव से ऐन पहले भी अय्यर ने मोदी को चायवाला कहकर बुलाया था जिसे चुनाव में कांग्रेस की हार की एक बड़ी वजह माना गया। कांग्रेस सम्मेलन-स्थल पर उन्होंने कहा था कि मोदी पीएम बनने से रहे, वे चाहें तो यहाँ सम्मेलन स्थल के बाहर चाय की दुकान लगा सकते हैं।
दरअसल, अय्यर अपने अमर्यादित बोलों और अपवचनों से अपनी पार्टी के लिए अपयश मोल ले रहे थे। पार्टी का हित कम और अहित ज्यादा कर रहे थे।शायद तभी स्थिति की गंभीरता को देखते हुए और पार्टी की छवि के हित में कांग्रेस हाई कमान ने मणिशंकर अय्यर को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से आनन-फानन में निलंबित कर जवाब तलब किया है।मगर अपने अवांछित वचनों से अय्यर पार्टी को जो नुकसान पहुंचा गए, उसकी भरपाई होना मुश्किल है।कौन नहीं जानता कि ज़ुबाँ से निकला शब्द और कमान से निकला तीर वापस नहीं आते।एक कहावत ठीक ही कहती है: ‘पहले तौल फिर बोल।’
(डॉ० शिबन कृष्ण रैणा)
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