नयी दिल्ली 14 दिसंबर, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने आज कहा कि भारत जैसे कृषि प्रधान देश में ऊर्जा की बचत अत्यंत महत्वपूर्ण है क्याेंकि यह वंचित तबके के लिए ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करके उसके जीवन में बदलाव का माध्यम बन सकती है। श्री कोविंद ने यहां आयोजित राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस समारोह - 2017 को संबोधित करते हुए कहा कि ऊर्जा की बचत ही ऊर्जा का उत्पादन है, इसलिए घर, कार्यालय और उद्योग धंधों में बिजली की बचत के प्रति जागरूकता पैदा की जानी चाहिये। दैनिक जीवन में इस्तेमाल होेने वाले उपकरण खरीदते समय भी इस बात का ध्यान रखा जाना चाहिए कि वे ऊर्जा दक्ष हों। इन उपायों से बचायी गयी बिजली से कमजोर तबके को आर्थिक सुरक्षा का कवच मिलेगा और उसके जीवन में व्यापक बदलाव आएगा। उन्होंने बिजली की बढ़ती मांग पूरी करने के लिए उद्योगपतियों का ‘ऊर्जा बैंक’ स्थापित करने का आह्वान किया। राष्ट्रपति ने सौभाग्य योजना के तहत हर व्यक्ति को बिजली देने के सरकार के संकल्प की प्रशंसा करते हुए कहा कि इससे उन गरीबों, आदिवासियों और पिछड़े तबके की अंधेरी झोपड़ियों में उजाला पहुंचेगा जो आजादी के 70 वर्ष बाद भी इस मूलभूत जरूरत से वंचित हैं। केंद्रीय बिजली मंत्री आर.के. सिंह ने कहा कि भारत जैसे विकासशील देशों के सामने विकास के लिए बिजली का उत्पादन बढ़ाना और जलवायु प्रदूषण के खतरों को कम करने के लिए स्वच्छ ऊर्जा तथा ऊर्जा का संरक्षण करने की दोहरी चुनौती है। इस चुनाैती से निपटने में ऊर्जा दक्षता कारगर साबित होगी। सरकार की ओर से ऊर्जा की बचत के लिए उठाये गये कदमों की जानकारी देते हुए उन्हाेंने कहा कि ऊर्जा दक्षता ब्यूरो बिजली से चलने वाले 21 सामानों की स्टार लेबलिंग कर चुका है तथा 10 राज्यों और एक केंद्रशासित प्रदेश में ऊर्जा का संरक्षण करने वाले भवन मानक लागू हो चुके हैं। इसके अलावा 30 करोड़ से ज्यादा एलईडी बल्ब बांटे गये हैं तथा ऊर्जा की ज्यादा खपत करने वाले उद्योगों ने 85 लाख टन तेल के बराबर ऊर्जा की बचत की है। राष्ट्रपति ने इस मौके पर राष्ट्रीय चित्रकला प्रतियोगिता - 2017 और राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण पुरस्कार भी प्रदान किये। उन्होंने आवासीय परिसरों में बिजली की बचत के प्रति जागरूकता पैदा करने वाले ‘इको -निवास’ पोर्टल का भी शुभारंभ किया।
गुरुवार, 14 दिसंबर 2017
बिजली की बचत बनेगा वंचितों के जीवन में बदलाव का जरिया : कोविंद
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