नयी दिल्ली 07 दिसंबर, केंद्रीय बिजली मंत्री आर.के. सिंह ने आज कहा कि मार्च 2019 के बाद चौबीसों घंटे बिजली देना कानूनन बाध्यकारी होगा और बिजली सब्सिडी प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण के माध्यम से सीधे उपभोक्ताओं के खाते में देने पर विचार किया जा रहा है। श्री सिंह ने राज्यों के बिजली मंत्रियों के यहां शुरू सम्मेलन के उद्घाटन के बाद प्रेस ब्रीफिंग में बताया कि मार्च 2019 तक चौबीसों घंटे बिजली देने को बाध्यकारी बनाने के लिए कानून में संशोधन किया जाएगा। इसके लिए राज्याें से बातचीत की गयी है। उन्होंने कहा कि इस समय सीमा के बाद बिना किसी तकनीकी कारण के बिजली काटने वाली वितरक कंपनियों पर आर्थिक जुर्माना लगाया जाएगा। बिजली वितरण कंपनियों की सेहत सुधारने के लिए जनवरी 2019 तक उनका घाटा 15 प्रतिशत से नीचे लाया जाएगा। उन्होंने कहा कि 90 प्रतिशत मीटरिंग प्रीपेड होगी और उपभोक्ता मोबाइल फोन से बिल की अदायगी कर सकेंगे । शेष 10 प्रतिशत बड़े उपभोक्ताओं के लिए के लिए स्मार्ट मीटर होंगे। मीटर की रिडिंग और बिजली का बिल आदि बीते दिनों की बात होगी और सब कुछ कम्प्यूटरीकृत होगा। श्री सिंह ने कहा कि आम उपभोक्ताओं को अभी बिजली की सब्सिडी मिल रही है जिसके कारण यह उन्हें सस्ती मिल रही है जबकि औद्योगिक क्षेत्र को बिजली मंहगी मिल रही है। इस प्रकार सब्सिडी का बोझ उद्योग जगत को उठाना पड़ रहा है। लेकिन, अब डीबीटी के माध्यम से समाज के जरूरतमंद लोगों को सब्सिडी दी जाएगी। उन्होंने कहा कि उद्योग जगत अब 20 प्रतिशत से ज्यादा सब्सिडी का बोझ नहीं उठायेगा। मेक इन इंडिया और उद्योगों को प्रोत्साहित करने के लिए उन्हें उचित दर पर बिजली मिलनी जरूरी है। श्री सिंह ने कहा कि विभिन्न राज्यों में बिजली की दरों के स्लैब अलग-अलग हैं जिनकी संख्या कम करके 12 से 15 पर लायी जायेगी।
शुक्रवार, 8 दिसंबर 2017
चौबीसों घंटे बिजली देना कानूनन बाध्यकारी होगा : बिजली मंत्री
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