नई दिल्ली, 17 दिसम्बर, इंटरपोल ने शनिवार को विवादास्पद इस्लामिक उपदेशक जाकिर नाईक के खिलाफ रेड कार्नर नोटिस (आरसीएन) जारी करने से इनकार करने के बाद राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने कहा कि वह इसके लिए फिर से इंटरपोल से आग्रह करेगी। एनआईए के एक अधिकारी ने कहा, "एनआईए की जाकिर नाईक के खिलाफ रेड कार्नर नोटिस के आग्रह को इंटरपोल ने स्वीकार नहीं किया क्योंकि इंटरपोल मुख्यालय को आग्रह जमा किए जाने के दौरान आरोप पत्र दाखिल नहीं किए गए थे। अब एनआईए इंटरपोल से फिर से आग्रह करेगा, क्योंकि मुंबई की एनआईए अदालत में पहले ही आरोप पत्र दाखिल किया जा चुका है।" नाईक के प्रवक्ता ने एक बयान में कहा, "इंटरपोल ने नाईक पर रेड कार्नर नोटिस को रद्द कर दिया है और दूसरे कारणों सहित राजनीतिक व धार्मिक पूर्वाग्रहों का हवाला देते हुए दुनिया भर में अपने कार्यालयों के सभी फाइलों से उनके डाटा को हटाने के लिए कहा है।" इसमें यह भी कहा गया, "इंटरपोल आयोग ने गहन जांच में पाया कि भारतीय एजेंसी का आग्रह इंटरपोल के नियमों के अनुरूप नहीं था और इस तरह से भारत सरकार के रेड कार्नर नोटिस जारी करने के आग्रह को रद्द कर दिया।" भारत सरकार ने नाईक व उसके संगठन इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन को पांच साल के लिए प्रतिबंधित किया है और इसे गैरकानूनी संगठन घोषित किया है। नाईक पर अपने भाषणों के जरिए घृणा फैलाने, आतंकी समूहों का वित्तपोषण करने व धनशोधन का आरोप है। एनआईए ने बीते साल नाईक पर एक आपराधिक मामला दर्ज किया था।
रविवार, 17 दिसंबर 2017
इंटरपोल ने जाकिर नाईक पर रेड कार्नर नोटिस को रद्द किया
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