पटना 11 दिसम्बर, बिहार की मुख्य विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने राज्य सरकार के बालू-गिट्टी के नियम के विरोध में 18 दिसम्बर को बिहार बंद किये जाने की घोषणा की है। विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव ने आज यहां राज्य सरकार की नयी लघु खनिज नीति के विरोध में पार्टी की ओर से आयोजित प्रदर्शन के बाद सभा को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार की गलत नीति के कारण प्रदेश के लोगों को भारी कठिनाईयों को सामना करना पड़ रहा है। सरकार की इस गलत नीति के खिलाफ वह लोगों के बीच जायेंगे और इसे बतायेंगे। उन्होंने कहा कि 18 दिसम्बर को इसके विरोध में बिहार बंद रहेगा। हालांकि इस दौरान आवश्यक सेवाओं को बंद से मुक्त रखा जायेगा। पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और पूर्व केन्द्रीय मंत्री रघुवंश प्रसाद सिंह ने कहा कि सरकार की इस गलत नीति को लेकर पार्टी अब आर-पार की लड़ायी के लिए पूरी तरह से तैयार हो गयी है। संग्राम की घोषणा कर दी गयी है। उन्होंने कहा कि लड़ायी दिल्ली तक लड़ी जायेगी।
श्री सिंह ने कहा कि राज्य सरकार का तुगलकी फरमान ज्यादा दिनों तक चलने वाला नहीं है। सरकार की इस गलत नीति से आज हजारों लोग बेरोजगार हो गये हैं और काम की तलाश में बाहर जाने के लिए मजबूर हो गये हैं। उन्होंने कहा कि निर्माण क्षेत्र का हाल बेहाल है और मजदूर भुखमरी की कगार पर पहुंच गये हैं। पटना उच्च न्यायालय के निर्देश के बावजूद सरकार मानने को तैयार नहीं है। राजद के प्रदेश अध्यक्ष रामचंद्र पूर्वे ने कहा कि राज्य में जुलाई से बालू-गिट्टी की बंदी के चलते निर्माण क्षेत्र पर भारी संकट आ खड़ा हुआ है। इस मुद्दे को पार्टी के विधायकों ने विधानमंडल में भी उठाया था लेकिन सरकार इस समस्या पर मुंह खोलने को तैयार नहीं हुयी। उन्होंने कहा कि हजारों मजदूर पलायन कर रहे हैं। इन मजदूरों के परिवारों को रोटी के लाले पड़े हुये हैं। इससे पूर्व पार्टी के प्रदेश कार्यालय से राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवंश प्रसाद सिंह, प्रदेश अध्यक्ष रामचंद्र पूर्वे, पूर्व सांसद शिवानंद तिवारी, मंगनी लाल मंडल, पूर्व मंत्री अशोक सिंह, शिवचंद्र राम, विधायक शक्ति सिंह यादव और निराला यादव के नेतृत्व में बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं एवं निर्माण कार्य से जुड़े मजदूर और मिस्त्री ने अपने-अपने औजारों के साथ जुलूस निकाला जो शहर के विभिन्न मार्गों से होता हुआ कारगिल चौक पहुंचा। इस दौरान कार्यकर्ता सरकार के खिलाफ नारे लगा रहे थे।
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