अगरतला, 10 दिसम्बर, तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) से निष्कासित छह विधायकों के भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल होने के चार महीने बाद उन्हें त्रिपुरा विधानसभा में रविवार को भाजपा विधायक के रूप में मान्यता मिल गई। त्रिपुरा विधानसभा के अध्यक्ष रमेंद्र चंद्र देबनाथ ने इसकी घोषणा की। विधानसभा अध्यक्ष ने आईएएनएस से कहा, "तृणमूल से निकाले गए छह विधायकों को भाजपा विधायक के रूप में मान्यता दी गई है। उन्हें भाजपा विधायक के तौर पर कोई अतिरिक्त सुविधा नहीं मिलेगी।" उन्होंने कहा, "छह विधायकों द्वारा हस्ताक्षरित पत्र में उन्हें भाजपा विधायक के रूप में मान्यता देने का आग्रह किया गया था। यह पत्र मुझे आठ नवंबर को प्राप्त हुआ, जिसके बाद मैंने तृणमूल अध्यक्ष को 14 दिनों का नोटिस भेजा। उनकी तरफ से कोई आपत्ति या उत्तर नहीं आया तो मैंने उन्हें मान्यता दे दी।" सुदीप रॉय बर्मन की अगुवाई में पांच विधायकों -आशीष कुमार साहा, दीबा चंद्र हरंगखवाल, बिस्व बंधु सेन, प्रांजित सिंह रॉय व दिलीप सरकार- ने तृणमूल कांग्रेस के सैकड़ों नेताओं व कार्यकर्ताओं के साथ सात अगस्त को भाजपा में दामन थाम लिया था। विधानसभा सचिव बामदेब मजुमदार ने विधानसभा अध्यक्ष द्वारा मान्यता दिए जाने के बारे शनिवार को छह विधायकों को एक संयुक्त पत्र जारी किया था। इस मान्यता पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए साहा ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष ने भाजपा विधायक के रूप में हमें मान्यता देने की प्रक्रिया में जानबूझकर देरी की। उल्लेखनीय है कि टीएमसी महासचिव और पश्चिम बंगाल के शिक्षा मंत्री पार्था चटर्जी ने तीन जुलाई को कोलकाता में कहा था कि त्रिपुरा के उन छह विधायकों पार्टी से कोई संबंध नहीं है, जो टीएमसी के संस्थापक नेता मुकुल रॉय से करीबी हैं। रॉय इस समय भाजपा में शामिल हो चुके हैं।
रविवार, 10 दिसंबर 2017
तृणमूल से निष्कासित 6 विधायकों को भाजपा विधायक के रूप में मान्यता
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