- लोककल्याणकारी योजनाओं में आधार कार्ड की अनिवार्यता के खिलाफ माले का राज्यव्यापी प्रतिवाद.
- सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद भी मोदी सरकार थोप रही हैं आधार कार्ड की अनिवार्यता.
पटना: 12 जनवरी, सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बावजूद केंद्र सरकार द्वारा लोककल्याणकारी योजनाओं में आधार कार्ड की अनिवार्यता लागू कर मजदूर-किसानों व वंचित तबके को योजनाओं के लाभ से वंचित किए जाने की साजिश के खिलाफ देशव्यापी अभियान के साथ एकजुटता जाहिर करते हुए भाकपा-माले ने आज पूरे राज्य में प्रतिवाद किया. और कुछेक जगह पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का पुतला दहन किया. राजधानी पटना के साथ-साथ नालंदा, दरभंगा, आरा, जहानाबाद, समस्तीपुर, अरवल, सिवान, भागलपुर आदि जगहों पर प्रतिवाद आयोजित किए गए. पटना में कल्याणकारी योजनाओं व आवश्यक नागरिक सुविधाओं के लिए ‘आधार कार्ड’ की अनिवार्यता खत्म करने की मांग पर भाकपा माले ने कारगिल चैक से प्रतिवाद जुलूस निकाला व सभा की. इस कार्यक्रम का नेतृत्व पार्टी की केंद्रीय कमिटी सदस्य सरोज चैबे, शशि यादव, अनिता सिन्हा, अभ्युदय, समता राय, पन्नालाल सिंह, जितेंद्र कुमार, अशोक कुमार, मनीष सिंह, गुरुदेव , सत्यानंद आदि माले नेताओं ने किया. माले नेताओं ने प्रतिवाद मार्च के दौरान गरीबों व किसानों की योजनाओं में आधार के शर्त को खत्म करो, आधार के नाम पर कल्याणकारी योजनाओं में कटौती नहीं चलेगा, सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद भी आधार की अनिवार्यता क्यों - मोदी-नीतीश जवाब दो, आदि नारा लगा रहे थे. प्रतिवाद सभा को संबोधित करते हुए माले नेताओं ने कहा कि आधार के नाम पर नरेंद्र मोदी सरकार तमाम कल्याणकारी योजनाओं में कटौती कर रही है. गरीब लोगों को राशन से वंचित किया जा रहा हैं. मोदी की सरकार तानाशाही थोपते हुए सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद भी आधार को अनिवार्य बना रही है. इसके खिलाफ पूरे देश में चल रहे अभियान के साथ भाकपा(माले) भी अपनी एकजुटता जाहिर करती हैं. माले नेताओं ने इस अवसर पर बेगूसराय के नौला में माले नेता का गणेश महतो को गोली मारने के खिलाफ आक्रोश व्यक्त करते हुए हमले में शामिल भाजपा-जदयू संरक्षित अपराधियों को गिरफ्तार करने की मांग की. वक्ताओं ने कहा कि जबसे आधार कार्ड को बैंक से लिंक किया गया है तबसे किसानों का खाद-बीज सब्सिडी हो या गरीबों का दिव्यांग, वृद्धावस्था पेंशन, पारिवारिक लाभ, कन्या विवाह, मनरेगा आदि योजनाओं का बकाया दो-तीन वर्षों का बकाया है।कहीं आधार कार्ड का बेजा इस्तेमाल कर लिया जाता है तो कहीं इसके नंबर का दुरूपयोग धड़ल्ले से हो रहा है. भाकपा माले इसकी अनिवार्यता के खिलाफ संघर्ष करेगी.
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें